पाकिस्तान ने एशिया कप से हटने की धमकी दी (फोटो- सोशल मीडिया)
Handshake Controversy India vs Pak: एशिया कप 2025 लगातार विवादों से घिरता जा रहा है। पहले भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए मैच में जीतने के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाए बिना पवेलियन चले गए। वहीं अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड सूर्या पर कोई एक्शन न लेने का आरोप लगाते हुए मैच के रैफरी को पूरे टूर्नामेंट से हटाने की मांग पर अड़ गया है। यहां तक कि उसने ऐसा नहीं होने पर एशिया कप से हटने तक की धमकी दे दी है।
पाकिस्तान की इस धमकी के बाद से ही क्रिकेट एक्सपर्ट्स के बीच चर्चा तेज हो गई है कि क्या सच में पाकिस्तान ऐसा कोई कदम उठा सकता है या फिर यह बस अपनी बात मनवाने का कोई नया नाटक है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर पाकिस्तान ऐसा कोई भी कदम उठाता है, तो उसे कम से कम 140 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए उसके ऐसा करने की उम्मीद बहुत कम है।
एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) की सालाना आय का 75% हिस्सा पांच प्रमुख टेस्ट खेलने वाले देशों भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बीच समान रूप से बांटा जाता है। यानी हर देश को कुल राजस्व का 15% हिस्सा मिलता है। बाकी का 25% हिस्सा सहयोगी सदस्य देशों में वितरित किया जाता है।
एसीसी की कमाई मुख्य रूप से प्रसारण अधिकार (टीवी और डिजिटल), स्पॉन्सरशिप डील और टिकट बिक्री से होती है। अकेले इस एशिया कप से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को लगभग 12 से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर की आमदनी होने की संभावना थी। ऐसे में अगर पाकिस्तान टूर्नामेंट से हटता है, तो यह उसके लिए एक बड़ा आर्थिक नुकसान साबित हो सकता है।
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इसके अलावा, सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया (SPNI) ने एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के साथ 2024 से 2031 तक के लिए 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रसारण समझौता किया है। इस आठ साल के करार में महिला एशिया कप और अंडर-19 एशिया कप के प्रसारण अधिकार भी शामिल हैं। इससे प्रसारण में समस्या हो सकती है।
ऐसे में पाकिस्तान के सामने दो ही रास्ते हैं या तो बिना किसी शिकायत के मैच खेले, या फिर टूर्नामेंट से पीछे हट जाए। लेकिन दोनों ही सूरतों में उसे नुकसान उठाना पड़ेगा। अगर वह टूर्नामेंट में रहता है, तो उसकी साख को नुकसान होगा, वहीं, पीछे हटने पर करोड़ों रुपयो का नुक्सान उठाना पड़ेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान क्या फैसला करता है।