मनप्रीत सिंह (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार खेल दिखाया और भारत को कांस्य पदक अपने नाम किया है। अब टीम इंडिया की वतन वापसी हो गई है। ऐसे में अब टीम के सीनियर खिलाड़ी मनप्रीत सिंह ने कहा कि वह ओलंपिक में गेल्ड मेडल जीतना चाहते थे, लेकिन टीम को निराशा हाथ आई, हालांकि लगातार दूसरा कांस्य पदक भी बुरा नहीं है।
आठ बार की ओलंपिक चैम्पियन भारतीय टीम ने तोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीता । भारत ने आखिरी बार ओलंपिक में हॉकी का स्वर्ण 1980 में जीता था। मनप्रीत ने पीटीआई वीडियो से कहा, ‘‘बहुत अच्छा लग रहा है। पिछली बार हमने कांस्य जीता था और इस बार भी जीता। टीम फाइनल खेलने के इरादे से गई थी लेकिन जीत नहीं सकी। लेकिन हमने कांस्य जीता और इतना प्यार पाकर अच्छा लग रहा है।”
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मनप्रीत ने टीम की मानसिक दृढता की भी तारीफ की जिसने ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में 42 मिनट तक दस खिलाड़ियों के साथ खेलकर जीत दर्ज की। मनप्रीत ने कहा, ‘‘हमें इस तरह के हालात में खेलने की ट्रेनिंग मिली थी। अगर किसी को ग्रीन या यलो कार्ड मिला है तो कैसे खेलना है। लेकिन हमें नहीं लगा था कि उसे रेडकार्ड मिलेगा। अमित रोहिदास की कोई गलती नहीं थी लेकिन उसे रेडकार्ड मिला।”
उन्होंने कहा, ‘‘टीम ने डिफेंस में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। हमने उन्हें ज्यादा मौके नहीं दिये। पेनल्टी कॉर्नर भी हमने बखूबी बचाये।” अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल चुके गोलकीपर पी आर श्रीजेश के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘श्रीजेश के बारे में क्या कहूं। उसके साथ 13 साल बिताये हैं। वह मेरा सीनियर था और मुझे गाइड किया। जब मैं कप्तान बना तब भी मेरा समर्थन किया। उसने हमेशा मुझे प्रेरित किया है। वह लीजैंड है और मुझे उसकी कमी खलेगी क्योंकि मेरे लिये वह बड़े भाई जैसा है।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)