मोहम्मद शमी और कपिल देव, (फाइल फोटो)
IND vs AUS ODI Series: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे क्रिकेट की प्रतिद्वंद्विता दशकों पुरानी है, जिसमें बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों ने भी अपनी छाप छोड़ी है। 19 अक्टूबर को पर्थ में शुरू हो रही तीन मैचों की वनडे सीरीज से पहले दोनों देशों के खिलाड़ियों के रिकॉर्ड्स पर चर्चा तेज हो गई है। जहां बल्लेबाजी में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा है, वहीं गेंदबाजी के आंकड़ों में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का दबदबा साफ नजर आता है। हालांकि, भारत के दो दिग्गज गेंदबाज कपिल देव और मोहम्मद शमी ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को बार-बार परेशान कर यह साबित किया है कि भारतीय गेंदबाजी भी किसी से कम नहीं।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे क्रिकेट की शुरुआत 1980 में हुई थी। अब तक दोनों देशों के बीच कुल 152 वनडे मैच खेले जा चुके हैं। इन मुकाबलों में केवल पांच गेंदबाज ऐसे रहे हैं जिन्होंने 40 से अधिक विकेट हासिल किए हैं। इनमें तीन ऑस्ट्रेलियाई और दो भारतीय गेंदबाज शामिल हैं, जो इस ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता के सबसे सफल गेंदबाजों में गिने जाते हैं।
विकेट के मामले में सबसे ऊपर हैं ऑस्ट्रेलिया के ब्रेट ली, जिन्होंने 2000 से 2012 के बीच भारत के खिलाफ 32 मैचों की 30 पारियों में 257.1 ओवर फेंककर 21 की औसत से 55 विकेट चटकाए। ली ने चार बार पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लेकर भारत के खिलाफ अपनी धारदार गेंदबाजी का परिचय दिया।
भारत की ओर से कपिल देव ने 1980 से 1994 के बीच 41 वनडे मुकाबलों में 338.4 ओवर गेंदबाजी करते हुए 45 विकेट हासिल किए। कपिल देव का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रदर्शन लगातार प्रभावशाली रहा और उन्होंने अपने करियर में कई बार विपक्षी बल्लेबाजों को चौंकाया। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इंग्लैंड के खिलाफ 43/5 रहा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी निरंतरता उन्हें इस सूची में विशेष स्थान दिलाती है।
मिचेल जॉनसन ने 2006 से 2015 के बीच भारत के खिलाफ 220.3 ओवर गेंदबाजी करते हुए 43 विकेट लिए। उनकी गति और उछाल ने भारतीय बल्लेबाजों को कई बार परेशानी में डाला। जॉनसन ने एक बार पारी में पांच विकेट लेकर अपनी क्षमता का प्रमाण दिया। चौथे स्थान पर हैं स्टीव वॉ, जो आमतौर पर बल्लेबाज के रूप में पहचाने जाते हैं, लेकिन गेंदबाजी में भी उन्होंने भारत के खिलाफ 53 वनडे मैचों में 257.3 ओवर फेंककर 43 विकेट हासिल किए। उनकी औसत 29.46 रही, जो बताती है कि वे एक उपयोगी ऑलराउंडर थे।
पांचवें स्थान पर हैं भारत के मोहम्मद शमी, जिन्होंने 2013 से 2025 के बीच 215.4 ओवर गेंदबाजी करते हुए 42 विकेट चटकाए। शमी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 51/5 रहा, जो उनकी धारदार गेंदबाजी का प्रमाण है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका रिकॉर्ड दर्शाता है कि वे बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं और दबाव में भी शानदार प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं।
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इस रिकॉर्ड्स से स्पष्ट है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया वनडे मुकाबलों में गेंदबाजों की भूमिका निर्णायक रही है। कपिल देव और मोहम्मद शमी जैसे भारतीय गेंदबाजों ने यह साबित किया है कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को काबू में रखना संभव है। आगामी सीरीज में भी गेंदबाजों की भूमिका अहम होगी और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सा खिलाड़ी इस सूची में अपनी जगह बनाता है या पुराने रिकॉर्ड को चुनौती देता है।