युवराज सिंह (फोटो- सोशल मीडिया)
Yuvraj Singh Reaches ED Office: टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह गैरकानूनी बेटिंग ऐप मामले में ED दफ्तर में पूछताछ के लिए शामिल हुए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज युवराज से गैरकानूनी सट्टेबाजी से जुड़े मामले में पूछताछ की। इससे पहले इसी मामले में पूछताछ के लिए एक अन्य पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा भी ईडी ऑफिस पहुंचे थे।
ईडी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि 1xBet, FairPlay, Parimatch और Lotus365 जैसे कई ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को मशहूर हस्तियों द्वारा प्रमोट किया जा रहा है। इसमें हरभजन सिंह, युवराज सिंह, सोनू सूद, सुरेश रैना और उर्वशी रौतेला समेत कई सेलिब्रिटीज़ और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के नाम सामने आए हैं।
#WATCH | Delhi: Former Indian Cricketer Yuvraj Singh arrives at the ED office in connection with the probe into the alleged illegal betting app 1xBet. pic.twitter.com/900Fid9ok0 — ANI (@ANI) September 23, 2025
जांच एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि इन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिये न केवल मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है, बल्कि बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी भी की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, इस नेटवर्क में फर्जी अकाउंट्स बनाए जाते हैं और पैसों को बार-बार अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है। जब भी कोई खाता संदेह के घेरे में आता है तो तुरंत रकम को आगे बढ़ा दिया जाता है, जिससे एजेंसियों के लिए ट्रांजैक्शन की असली लोकेशन तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
इससे पहले ईडी ने गूगल और मेटा के अधिकारियों को भी नोटिस जारी किए थे। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि इन प्लेटफॉर्म्स पर गैरकानूनी बेटिंग एप्स के विज्ञापन और परोक्ष प्रचार (सरोगेट ऐड्स) चलाए जा रहे थे। ईडी का कहना है कि इस पूरे गोरखधंधे में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। माना जा रहा है कि इस जांच की आंच में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
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ED इस मामले में अबतक टीम इंडिया के कई अन्य पूर्व खिलाड़ियों से भी पूछताछ कर चुकी है। इसमें सुरेश रैना, शिखर धवन, रॉबिन उथप्पा जैसे खिलाड़ियों का नाम शामिल है। बीते सोमवार को रॉबिन उथप्पा से करीब 8 घंटे तक पूछताछ हुई है। बता दें कि ये जांच 1xBet सट्टेबाजाी ऐप के संचालन से संबंधित है। ये ED की ऐसे प्लेटफॉर्म के खिलाफ व्यापक संचालन का हिस्सा भी है। जिसमें कई लोगों और निवेशकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के साथ-साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करों की भारी चोरी करने के आरोप हैं।