मोहिंदर अमरनाथ (सौजन्यः सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क, नवभारत: कपिल देव की कप्तानी में भारत ने पहली बार 1983 का वर्ल्ड कप जीता था। आज भी जब वर्ल्ड कप जीतने की बात होती है तो सबसे पहले कपिल देव का नाम याद आता है। लेकिन इस खिताब को जीतने में सबसे बड़ा हाथ एक ऐसे खिलाड़ी का रहा था। जो जबड़े में छह टांके लगाकर भी मैदान पर खेलने के लिए उतरने की ताकत रखता था।
हम उस खिलाड़ी के बारे में बात कर रहे हैं जो 1983 के जीत का सबसे बड़ा हीरो रहा था। हम बात कर रहे हैं उस दिग्गज के बारे में जिसे क्रिकेट विरासत में मिली थी। हम बात कर रहे हैं लाला अमरनाथ के बेटे मोहिंदर अमरनाथ के बारे में, जिनका आज जन्मदिन है। वह आज अपना 74वां जन्मदिन मना रहे हैं।
मोहिंदर अमरनाथ ने 1983 के वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में ऑलराउंडर की भूमिका में खेल रहे थे। उस मुकाबले में उन्होंने 26 रन बनाए थे और तीन विकेट लिए थे। उनके शानदार खेल के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया था।
मोहिंदर अमरनाथ जिमी नाम से मशहूर हैं। उनके खून में ही क्रिकेट है। उनके पिता लाला अमरनाथ खुद भारत के एक शानदार ऑलराउंडर थे, जिन्होंने देश के लिए सबसे पहला शतक जड़ा था। वहीं मोहिंदर के भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर थे, हालांकि वह ज्यादा क्रिकेट नहीं खेल पाए, लेकिन उन्होंने भी टेस्ट डेब्यू में शतक जमाया था।
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मोहिंदर अमरनाथ ने साल 1969 में इंटरनेशनल क्रिकेट में एंट्री की थी। उन्होंने अपना पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में खेला था। डेब्यू टेस्ट में मोहिंदर के बल्ले से 16 रन निकले थे। जबकि इसी मुकाबले में उन्होंने दो विकेट अपने नाम किए थे। मोहिंदर ने क्रिकेट में तब डेब्यू किया था, जब क्रिकेट बदलाव के दौर से गुजर रहा था।
टेस्ट के बाद 1975 में वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई। इस क्रिकेट फॉर्मेट में ऑलराउंडर की भूमिका काफी अहम होती है। इसी वजह से मोहिंदर वनडे में फिट बैठते थे। उन्होंने अपने करियर में 85 वनडे मैच खेले और 1924 रन बनाए, जबकि 46 विकेट भी झटके। वहीं 69 टेस्ट में 4378 रन बनाए और 32 विकेट लिया।
मोहिंदर अमरनाथ अपने बेखौफ अंदाज के लिए जाने जाते थे। वह अपनी बात बेखौफ होकर रखने के लिए भी जानते थे। ऐसे में जब वह भारतीय टीम के सेलेक्शन कमेटी का हिस्सा बने तो वह भारत के सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी से हटाना चाहते थे। 2011 का वर्ल्ड कप जीतने के बावजूद उनकी कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में लगातार 8 टेस्ट भी गंवाए थे। जिसकी वजह से वह धोनी को कप्तानी से हटाने के पक्ष में थे। हालांकि बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने इस पर रोक लगा दी थी।