टेम्बा बावुमा और मिचेल स्टार्क (सोर्स- सोशल मीडिया)
लंदन: दुनिया जानती है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम स्लेजिंग में माहिर मानी जाती है। डब्ल्यूटीसी फाइनल में जब मैच कंगारुओं के हाथ से फिसल गया था, तो उन्होंने अपनी जुबान का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। उन्होंने साउथ अफ्रीका की दुखती रग पर हाथ रख दिया। इसका खुसाला खुद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023-25 का खिताब जीतने के बाद साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने किया है।
लॉर्ड्स में खेले गए मैच के बाद साउथ अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि चौथे दिन कुछ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्लेजिंग कर रहे थे। उन्हें लगा कि वह इस स्थिति से भी मैच जीत सकते हैं और उन्होंने बार-बार ‘चोक’ शब्द का इस्तेमाल किया।
अपनी कप्तानी में साउथ अफ्रीका को लगातार 9 मैच जिताकर इतिहास रचने वाले टेम्बा बावुमा ने ‘बीबीसी टेस्ट मैच स्पेशल’ पैनल से बातचीत के दौरान यह खुलासा किया। उन्होंने कहा, “जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे, तो हमने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को उस खतरनाक शब्द ‘चोक’ का इस्तेमाल करते हुए सुना। आज सुबह हमें चोकर्स करार दिया गया। उनके एक खिलाड़ी ने यह तथ्य सामने रखा कि हम अभी भी आउट हो सकते हैं… मैंने यह जरूर सुना है।”
दक्षिण अफ्रीका को आईसीसी ट्रॉफी जीतने के लिए 27 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। आखिरी बार उन्होंने 1998 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी। उसके बाद यह टीम खिताब जीतने के करीब पहुंची, लेकिन बड़े मैचों में हमेशा फिसड्डी साबित हुई और इसी वजह से दक्षिण अफ्रीका को ‘चोकर्स’ का टैग मिला।
डब्ल्यूटीसी 2025 फाइनल के हीरो एडेन मार्करम ने मैच के बाद कहा कि अब वह इस शब्द को कभी दोबारा नहीं सुनना चाहेंगे। उन्होंने कहा, “जीतना और ‘चोकर्स’ का टैग हटाना टीम के लिए बड़ी उपलब्धि है।”
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस ऐतिहासिक जीत में वैसे तो दक्षिण अफ्रीका के सभी खिलाड़ियों ने अहम योगदान दिया, लेकिन सबसे अहम भूमिका दो खिलाड़ियों ने निभाई। गेंदबाजी में कैगिसो रबाडा ने कंगारू बल्लेबाजों को चौंकाया तो बल्लेबाजी में एडेन मार्करम ने दम दिखाया।
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रबाडा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाई। पहली पारी में 5 और दूसरी पारी में 4 विकेट यानी मैच में 9 विकेट। वहीं, पहली पारी में शून्य पर आउट होने वाले एडेन मार्करम ने दूसरी पारी में 136 रन की मैच जिताऊ पारी खेलकर साउथ अफ्रीका को चैंपियन बनाया।