रणजी ट्रॉफी विजेता (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क: बीसीसीआई द्वारा आयोजित रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में विदर्भ ने केरल को पहली पारी की बढ़त के हिसाब से खिताब पर कब्जा जमाया। नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में विदर्भ ने पहली पारी में 37 रनों की मामूली बढ़त हासिल करते ही रणजी ट्रॉफी के खिताब को अपने पाले में रख लिया था।
विदर्भ ने फाइनल मुकाबले के पहली पारी में 379 रन बनाए थे और केरल को 342 रन पर आउट कर 37 रन की महत्वपूर्ण बढ़त कायम की। वहीं दूसरी पारी में विदर्भ ने नौ विकेट पर 375 रन बनाकर मैच को खत्म किया। यह मुकाबला ड्रॉ रहा लेकिन पहली पारी के बढ़त के हिसाब से विदर्भ को चैंपियन घोषित किया गया। पिछले सीजन में विदर्भ फाइनल मुकाबले में मुंबई से हार गई थी। लेकिन इस मुंबई को सेमीफाइनल में हराकर पहले ही बाहर कर दिया।
विदर्भ ने तीसरी बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता है। इससे पहले 2017-18 और 2018-19 सीज़न में लगातार दो जीत के साथ ऐसा किया था। विदर्भ की जीत अब उन्हें भारतीय घरेलू क्रिकेट में सबसे मजबूत टीमों में से एक बनाती है, क्योंकि वे पिछले सीज़न में रणजी ट्रॉफी में उपविजेता भी रहे थे। 1934–35 से 2024–25 तक के कुल 91 सीजन को खेला गया है। जिसमें मुंबई की टीम सबसे ज्यादा बार खिताब को अपने नाम कर चुकी है। मुंबई की टीम ने 42वें बार इस खिताब पर कब्जा जमाया है।
सत्र | विजेता | उपविजेता | विजेता कप्तान |
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1934–35 | मुंबई | उत्तरी भारत | एल.पी. जय |
1935–36 | मुंबई | मद्रास | होर्मसजी वाजिफ़दार |
1936–37 | नवानगर | बंगाल | अल्बर्ट वेन्सली |
1937–38 | हैदराबाद | नवानगर | एस.एम. हुसैन |
1938–39 | बंगाल | दक्षिणी पंजाब | टॉम लोंगफील्ड |
1939–40 | महाराष्ट्र | संयुक्त प्रांत | डी.बी. देवधर |
1940–41 | महाराष्ट्र | मद्रास | डी.बी. देवधर |
1941–42 | मुंबई | मैसूर | विजय मर्चेंट |
1942–43 | बारौदा | हैदराबाद | डब्ल्यू. गोर्पड़े |
1943–44 | पश्चिम भारत | बंगाल | हर्बर्ट बैरिट |
1944–45 | मुंबई | होलकर | विजय मर्चेंट |
1945–46 | होलकर | बारौदा | सी.के. नायडू |
1946–47 | बारौदा | होलकर | रावसाहेब निंबालकर |
1947–48 | होलकर | मुंबई | सी.के. नायडू |
1948–49 | मुंबई | बारौदा | के.सी. इब्राहीम |
1949–50 | बारौदा | होलकर | रावसाहेब निंबालकर |
1950–51 | होलकर | गुजरात | सी.के. नायडू |
1951–52 | मुंबई | होलकर | माधव मांत्री |
1952–53 | होलकर | बंगाल | सी.के. नायडू |
1953–54 | मुंबई | होलकर | रंगा सोहनी |
1954–55 | मद्रास | होलकर | बालू अलागनन |
1955–56 | मुंबई | बंगाल | माधव मांत्री |
1956–57 | मुंबई | सेवाएँ | माधव मांत्री |
1957–58 | बारौदा | सेवाएँ | दत्ता गायकवाड |
1958–59 | मुंबई | बंगाल | माधव आप्टे |
1959–60 | मुंबई | मैसूर | पॉल उमरीगर |
1960–61 | मुंबई | राजस्थान | पॉल उमरीगर |
1961–62 | मुंबई | राजस्थान | माधव आप्टे |
1962–63 | मुंबई | राजस्थान | पॉल उमरीगर |
1963–64 | मुंबई | राजस्थान | बापू नदकर्णी |
1964–65 | मुंबई | हैदराबाद | बापू नदकर्णी |
1965–66 | मुंबई | राजस्थान | बापू नदकर्णी |
1966–67 | मुंबई | राजस्थान | मनोहर हार्डीकर |
1967–68 | मुंबई | मद्रास | मनोहर हार्डीकर |
1968–69 | मुंबई | बंगाल | अजीत वाडेकर |
1969–70 | मुंबई | राजस्थान | अजीत वाडेकर |
1970–71 | मुंबई | महाराष्ट्र | सुधीर नाइक |
1971–72 | मुंबई | बंगाल | अजीत वाडेकर |
1972–73 | मुंबई | तमिलनाडु | अजीत वाडेकर |
1973–74 | कर्नाटका | राजस्थान | एरपल्ली प्रसन्ना |
1974–75 | मुंबई | कर्नाटका | अशोक मांकड़ |
1975–76 | मुंबई | बिहार | अशोक मांकड़ |
1976–77 | मुंबई | दिल्ली | सुनील गावस्कर |
1977–78 | कर्नाटका | उत्तर प्रदेश | एरपल्ली प्रसन्ना |
1978–79 | दिल्ली | कर्नाटका | बिशन सिंह बेदी |
1979–80 | दिल्ली | मुंबई | बिशन सिंह बेदी |
1980–81 | मुंबई | दिल्ली | एकनाथ सोलकर |
1981–82 | दिल्ली | कर्नाटका | मोहिंदर अमरनाथ |
1982–83 | कर्नाटका | मुंबई | बृजेश पटेल |
1983–84 | मुंबई | दिल्ली | सुनील गावस्कर |
1984–85 | मुंबई | दिल्ली | सुनील गावस्कर |
1985–86 | दिल्ली | हरियाणा | मदन लाल |
1986–87 | हैदराबाद | दिल्ली | एम.वी. नरसिम्हा राव |
1987–88 | तमिलनाडु | रेलवे | कृष्णमाचारी श्रीकांत |
1988–89 | दिल्ली | बंगाल | मदन लाल |
1989–90 | बंगाल | दिल्ली | सम्परन बनर्जी |
1990–91 | हरियाणा | मुंबई | कपिल देव |
1991–92 | दिल्ली | तमिलनाडु | अजय शर्मा |
1992–93 | पंजाब | महाराष्ट्र | गुरशरण सिंह |
1993–94 | मुंबई | बंगाल | रवि शास्त्री |
1994–95 | मुंबई | पंजाब | सचिन तेंदुलकर |
1995–96 | कर्नाटका | तमिलनाडु | अनिल कुम्बले |
1996–97 | मुंबई | दिल्ली | संजय मांजरेकर |
1997–98 | कर्नाटका | उत्तर प्रदेश | राहुल द्रविड |
1998–99 | कर्नाटका | मध्य प्रदेश | सुनील जोशी |
1999–00 | मुंबई | हैदराबाद | समीर दीघे |
2000–01 | बारौदा | रेलवे | जैकब मार्टिन |
2001–02 | रेलवे | बारौदा | अभय शर्मा |
2002–03 | मुंबई | तमिलनाडु | पारस म्हाम्ब्रे |
2003–04 | मुंबई | तमिलनाडु | सैराज बहुतुले |
2004–05 | रेलवे | पंजाब | संजय बांगड़ |
2005–06 | उत्तर प्रदेश | बंगाल | मोहम्मद कैफ |
2006–07 | मुंबई | बंगाल | अमोल मजुमदार |
2007–08 | दिल्ली | उत्तर प्रदेश | गौतम गंभीर |
2008–09 | मुंबई | उत्तर प्रदेश | वसीम जाफर |
2009–10 | मुंबई | कर्नाटका | वसीम जाफर |
2010–11 | राजस्थान | बारौदा | हृषिकेश कानितकर |
2011–12 | राजस्थान | तमिलनाडु | हृषिकेश कानितकर |
2012–13 | मुंबई | सौराष्ट्र | अजीत अगरकर |
2013–14 | कर्नाटका | महाराष्ट्र | विनय कुमार |
2014–15 | कर्नाटका | तमिलनाडु | विनय कुमार |
2015–16 | मुंबई | सौराष्ट्र | आदित्य तरे |
2016–17 | गुजरात | मुंबई | पार्थिव पटेल |
2017–18 | विदर्भ | दिल्ली | फैज़ फज़ल |
2018–19 | विदर्भ | सौराष्ट्र | फैज़ फज़ल |
2019–20 | सौराष्ट्र | बंगाल | जयदेव उनादकट |
2021–22 | मध्य प्रदेश | मुंबई | आदित्य श्रीवास्तव |
2022–23 | सौराष्ट्र | बंगाल | जयदेव उनादकट |
2023–24 | मुंबई | विदर्भ | अजिंक्य रहाणे |
2024–25 | विदर्भ | केरल | अक्षय वडकर |
अक्षय वाडकर की कप्तानी और मुख्य कोच उस्मान गनी की अगुआई में विदर्भ की टीम ने रणजी ट्रॉफी 2024-25 सत्र में प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जो अपने 90 साल के इतिहास में पहली बार दो हिस्सों में विभाजित हुआ। विदर्भ लीग चरण में सभी चार राउंड में सर्वश्रेष्ठ टीम के रूप में उभरा, जिसने सात मैचों में छह जीत के साथ 40 अंक हासिल किए।
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विदर्भ ने क्वार्टर फाइनल में पिछले साल के सेमीफाइनलिस्ट तमिलनाडु को 198 रनों से रौंदा और सेमीफाइनल में गत चैंपियन मुंबई को 80 रनों से रौंदा। विदर्भ ने इस सीजन के रणजी ट्रॉफी में खेले गए 10 मैचों में से नौ में जीत हासिल की। जो भारत की प्रमुख घरेलू प्रतियोगिता में टीम के प्रभुत्व को दर्शाता है।