बेंगलुरु भगदड़ (फोटो- सोशल मीडिया)
IPL 2025 की ट्रॉफी को बेंगलुरु ने 3 जून के दिन 17 साल के बाद अपने नाम किया था। खिताबी मुकाबले में उसने पंजाब किंग्स को 6 रन से शिकस्त दी। इस मैच में बेंगलुरु के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया था। जिसकी बदौलत वो मुकाबला अपने नाम करने में कामयाब हो पाए थे। खिताबी जीत के बाद पूरे देशभर में आरसीबी फैंस ने जमकर जश्न मनाया था।
इसके बाद आरसीबी अपने फैंस के साथ बेंगलुरु में 4 जून को विक्ट्री परेड करना चाहती थी। फिर 4 जून को आरसीबी फैंस जश्न के लिए एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में पहुंचे। इसी दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और वहां पर खूनी भगदड़ मच गई। इस दौरान 11 लोग की जान चली गई व 35 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस घटना के बाद आरसीबी मैनेजमेंट और कर्नाटक क्रिकेट संघ (KSCA) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। अब इसी FIR के खिलाफ KSCA ने कोर्ट में अपील की है।
बेंगलुरु भगदड़ के लिए कर्नाटक क्रिकेट संघ के अधिकारी रहुराम भट व उनके कुछ सहयोगी अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट से KSCA ने FIR रद्द करने की गुजारिश की है। गौरतलब है कि ये एफआईआर पुलिस ने बीते गुरुवार को आरसीबी, इवेंट मैनेजमेंट फर्म डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड व कर्नाटक क्रिकेट संघ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
इस मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने कर्नाटक क्रिकेट संघ (KSCA) के अधिकारियों की मांग को देखते हुए उन्हें संरक्षण दिया है। अब इस मामले पर हाईकोर्ट निखिल सोसले की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर 9 जून को सुनवाई करेगा।
फिर नहीं होती बेंगलुरु भगदड़…पुलिस ने दी थी चेतावनी, फिर क्यों RCB मैनेजमेंट ने नहीं मानी बात
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) मैनेजमेंट ने बेंगलुरु में विक्ट्री परेड की घोषणा बिना पुलिस इजाजत के कर दी। इसकी जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हेंडल से दी। इस पोस्ट को कुछ ही घंटों में 10 लाख से ज्यादा बार देखा गया। जिसके कारण 4 जून को जरूरत से ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।