
भारतीय हॉकी टीम (फोटो- सोशल मीडिया)
Junior Hockey World Cup 2025: तमिलनाडु में खेले जा रहे जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप 2025 में भारतीय टीम ने शानदार जज्बा दिखाते हुए कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ 5-1 की हार के बाद टीम इंडिया के सामने टूर्नामेंट को सम्मानजनक तरीके से खत्म करने की चुनौती थी, जिसे खिलाड़ियों ने बखूबी पूरा किया। 10 दिसंबर को खेले गए कांस्य पदक मुकाबले में भारत ने अर्जेंटीना को 4-2 से हराकर इतिहास रच दिया।
कांस्य पदक मुकाबले की शुरुआत भारत के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं रही। मुकाबले के पहले तीन क्वार्टर तक अर्जेंटीना की टीम पूरी तरह हावी नजर आई। भारतीय डिफेंस पर लगातार दबाव बनाया गया और इसका नतीजा यह रहा कि तीसरे क्वार्टर के अंत तक टीम इंडिया 0-2 से पिछड़ चुकी थी। इस दौरान भारत के खिलाड़ी मौके तो बना रहे थे, लेकिन उन्हें गोल में तब्दील करने में सफलता नहीं मिल पा रही थी।
चौथे और आखिरी क्वार्टर में भारतीय टीम ने पूरी तरह मैच का रुख पलट दिया। करो या मरो की स्थिति में उतरी टीम इंडिया ने आक्रामक हॉकी का शानदार नमूना पेश किया। सबसे पहले अंकित पाल ने मिले पेनल्टी कॉर्नर को गोल पोस्ट में पहुंचाकर भारत का खाता खोला। इसके तुरंत बाद मिले अगले पेनल्टी कॉर्नर पर मनमीत सिंह ने गोल दागते हुए स्कोर 2-2 की बराबरी पर ला दिया। इस ताबड़तोड़ वापसी से अर्जेंटीना की टीम पूरी तरह दबाव में आ गई।
मैच बराबरी पर आते ही भारतीय खिलाड़ियों का आत्मविश्वास आसमान छूने लगा। मुकाबले के अंतिम तीन मिनट शेष रहते शारदा नंद तिवारी ने एक और पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलते हुए भारत को 3-2 की बढ़त दिला दी। इसके बाद अर्जेंटीना ने गोलकीपर हटाकर अतिरिक्त खिलाड़ी उतारने का जोखिम भरा फैसला किया, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया। भारत ने मौके का फायदा उठाते हुए एक और गोल दागा और मुकाबला 4-2 से पूरी तरह अपने पक्ष में कर लिया।
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इस जीत के साथ भारतीय टीम ने जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार कांस्य पदक अपने नाम किया। इससे पहले भारत दो बार जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुका है, लेकिन कांस्य पदक जीतना टीम के लिए नई उपलब्धि है। यह जीत भारतीय हॉकी के उज्ज्वल भविष्य की झलक भी पेश करती है।






