
टीम इंडिया ने श्रीलंका का किया सूपड़ा साफ, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Sri Lanka Tour of India: भारतीय महिला टीम ने टी20 वर्ल्ड कप से पहले अपनी ताकत का लोहा मनवाते हुए श्रीलंका को पांच मैचों की सीरीज में 5-0 से क्लीन स्वीप कर दिया है। तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए आखिरी रोमांचक मुकाबले में भारत ने श्रीलंका को 15 रनों से मात दी।
बता दें कि हरमनप्रीत की कप्तानी पारी और अरुंधति का फिनिशिंग टच मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत काफी खराब रही। स्टार सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना इस मैच का हिस्सा नहीं थीं और उनकी जगह 17 वर्षीय जी. कमलिनी को डेब्यू का मौका दिया गया।
शेफाली वर्मा केवल 5 रन बनाकर पवेलियन लौट गईं और कमलिनी भी 12 रन ही बना सकीं। एक समय भारतीय टीम मुश्किल में दिख रही थी, लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मोर्चा संभाला। उन्होंने 43 गेंदों में 68 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 9 चौके और एक छक्का शामिल था। अंत में अरुंधति रेड्डी ने महज 11 गेंदों में 27 रनों की तेजतर्रार पारी खेलकर भारत का स्कोर 175 रन तक पहुंचाया और श्रीलंका के सामने 176 रनों का लक्ष्य रखा।
श्रीलंका का पलटवार और भारतीय गेंदबाजों का शिकंजा 176 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम की शुरुआत भी निराशाजनक रही। कप्तान चमारी अट्टापट्टू दूसरे ही ओवर में मात्र 2 रन बनाकर आउट हो गईं। हालांकि, हसीनी परेरा और इमेशा दुल्हानी के बीच 86 रनों की शानदार साझेदारी ने भारतीय खेमे में थोड़ी चिंता जरूर पैदा की। परेरा ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 65 रन बनाए।
जब तक परेरा क्रीज पर थीं श्रीलंका की उम्मीदें जिंदा थीं, लेकिन 17वें ओवर में उनके आउट होते ही श्रीलंकाई पारी लड़खड़ा गई। आखिरी 2 ओवरों में जीत के लिए 34 रनों की दरकार थी, लेकिन श्रीलंकाई टीम निर्धारित 20 ओवरों में 160 रन ही बना सकी।
वर्ल्ड कप से पहले ‘क्लीन स्वीप’ का आत्मविश्वास भारतीय टीम के लिए यह सीरीज जीत बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आगामी टी20 वर्ल्ड कप से ठीक पहले मिली है।
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हरमनप्रीत की ‘ब्रिगेड’ ने पूरी सीरीज के दौरान दबदबा बनाए रखा। सीरीज के चौथे मैच में भी भारत ने श्रीलंका को 30 रनों से मात दी थी। इस आखिरी जीत ने न केवल भारतीय टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाया है, बल्कि टीम की गहराई को भी साबित किया है, जहां अनुभवी खिलाड़ियों के साथ-साथ युवा प्रतिभाएं जैसे जी. कमलिनी को भी आजमाया गया।






