गौतम गंभीर और ऋषभ पंत (फोटो- सोशल मीडिया)
Indian Cricket Team: गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कई कड़वी यादें छोड़ दीं। साउथ अफ्रीका ने भारत को 408 रनों से मात देकर न सिर्फ मैच जीता, बल्कि दो मैचों की टेस्ट सीरीज को भी 2-0 से अपने नाम कर लिया। लगातार दूसरी बार किसी विदेशी टीम ने भारत को उसके घर में क्लीन स्वीप किया है। इससे पहले न्यूजीलैंड ने भी टीम इंडिया को मात दी थी।
पहली पारी की कमजोर बल्लेबाजी के बाद उम्मीद थी कि भारतीय बल्लेबाज दूसरी पारी में स्थिति संभाल लेंगे, लेकिन हालात और खराब हो गए। 549 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम सिर्फ 140 रन बनाकर ढेर हो गई। स्पिन और पेस दोनों के सामने भारतीय बल्लेबाज लड़खड़ा गए। टीम का टॉप ऑर्डर हो या मिडिल ऑर्डर हर कोई दबाव में टूटता नजर आया। यह हार रनों के लिहाज से भारत के टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी हार बन गई।
रनों के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी हार थी। साउथ अफ्रीका की इस जीत ने कुछ पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए, जो कि इस प्रकार है।
South Africa win the 2nd Test by 408 runs. They also clinch the #INDvSA Test Series by 2-0. Scorecard ▶️ https://t.co/Hu11cnrocG#TeamIndia | @IDFCFIRSTBank pic.twitter.com/NBSFW4xtxP — BCCI (@BCCI) November 26, 2025
इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों की नाकामी इतनी बड़ी रही कि टीम पूरे दो मैचों में एक भी शतक नहीं लगा सकी। ऐसा 20 साल बाद हुआ है। 1995 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज में भी कोई भारतीय बल्लेबाज तीन अंकों तक नहीं पहुंच सका था गुवाहाटी टेस्ट ने उसी निराशा को एक बार फिर सामने ला दिया।
साउथ अफ्रीका के लिए यह जीत ऐतिहासिक रही। रनों के लिहाज से यह उनकी दूसरी सबसे बड़ी टेस्ट जीत है। 2018 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 492 रनों से हराकर अपनी सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके साथ ही प्रोटियाज ने 24 साल बाद भारत की धरती पर टेस्ट सीरीज जीती है। आखिरी बार यह काम साउथ अफ्रीका ने साल 2000 में किया था।
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लगातार दो घरेलू टेस्ट सीरीज हारना भारतीय टीम के लिए बड़ा संकेत है कि समस्याएं सिर्फ फॉर्म की नहीं, बल्कि रणनीति, टीम संयोजन और मानसिक मजबूती से भी जुड़ी हैं। यह हार टीम इंडिया और मैनेजमेंट दोनों को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर रही है।