इंग्लैंड और अफगानिस्तान (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क: चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 19 फरवरी से होगी। आईसीसी के इस टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान कर रहा है। इस टूर्नामेंट से पहले अफगानिस्तान और इंग्लैंड के मुकाबले को बॉयकॉट करने की मांग उठ रही है। लेकिन इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने यह कन्फर्म कर दिया कि इंग्लैंड कोई मैच का बॉयकॉट नहीं करेगा।
इंग्लैंड में कई राजनेताओं ने अफगानिस्तान के खिलाफ मैच के लिए विरोध किया था। दरअसल, 2021 में जब तालिबान ने दोबारा अफगानिस्तान में अपना राज शुरू किया था तभी से वहां पर महिलाओं की क्रिकेट पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद से कई देशों ने अफगानिस्तान के साथ खेलने से मना कर दिया।
ICC के नियमों के मुताबिक जो भी देश पुरुष क्रिकेट खेल रहे हैं उन्हें महिला क्रिकेट को भी बढ़ावा देना है और कम से कम अपनी एक टीम तो जरूर रखनी है। हालांकि, तीन साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अफगानिस्तान की महिला टीम मैदान पर नहीं उतर सकी है। इसको लेकर ही लगातार अफगानिस्तान की टीम को विरोध भी झेलना पड़ा है।
पिछले महीने ही ब्रिटिश सांसदों के एक ग्रुप ने इंग्लैंड को अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबले को बॉयकॉट करने को कहा था। यह मुकाबला 26 फरवरी को पाकिस्तान के लाहौर में खेला जाएगा। साउथ अफ्रीका के खेल मंत्री ने भी इसका समर्थन किया था। जिसके बाद ईसीबी के अध्यक्ष रिचर्ड थॉम्पसन ने कहा कि वह इस मुकाबले को बॉयकॉट नहीं करेंगे।
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उन्होंने कहा कि आईसीसी और खिलाड़ियों के साथ विचार-विमर्श के बाद मैच खेलेंगे। उन्होंने अफगानिस्तान का साथ देते हुए कहा कि अकेले क्रिकेट समुदाय अफगानिस्तान की समस्याओं से नहीं निपट सकता। सभी को मिलकर इसका हल निकालना होगा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की टीम को खेलते देखना और जीतते देखना कई लोगों को मनोरंजन का कारण है। हम यह कंफर्म कर सकते हैं कि हम ये मुकाबला खेलेंगे।