विराट कोहली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो- सोशल मीडिया)
Basit Ali on Indian Cricket Team: कोलकाता के ईडन गार्डन्स में मिली हार के बाद गुवाहाटी टेस्ट में भी टीम इंडिया साउथ अफ्रीका के सामने पूरी तरह बिखर गई। 549 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह ढहती नजर आई और टीम महज 140 रनों पर सिमट गई। घरेलू सरजमीं पर स्पिनर्स के आगे भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरियां खुलकर सामने आ गईं।
लगातार दो टेस्ट हारकर 2-0 से सीरीज गंवाने के बाद टीम इंडिया और मैनेजमेंट की खूब आलोचना हो रही है। हेड कोच गौतम गंभीर भी सवालों के घेरे में हैं। इसी बीच पाकिस्तान से यह तक मांग उठने लगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विराट कोहली को फोन कर टेस्ट रिटायरमेंट वापस लेने के लिए कहें।
South Africa win the 2nd Test by 408 runs. They also clinch the #INDvSA Test Series by 2-0. Scorecard ▶️ https://t.co/Hu11cnrocG#TeamIndia | @IDFCFIRSTBank pic.twitter.com/NBSFW4xtxP — BCCI (@BCCI) November 26, 2025
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने एक इंटरव्यू के दौरान भारतीय टीम की बल्लेबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेटर अब सफेद गेंद वाली क्रिकेट को तरजीह दे रहे हैं और इसका असर रेड-बॉल क्रिकेट पर साफ दिख रहा है। उनके मुताबिक खिलाड़ियों का फोकस ज्यादा कमर्शियल क्रिकेट पर शिफ्ट हो गया है, जिससे टेस्ट क्रिकेट में उनकी तकनीक और मजबूत नहीं दिखती।
बासित अली ने कहा कि भारतीय टीम इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज बचाने में सफल जरूर रही, लेकिन यह भारतीय टीम की ताकत नहीं बल्कि इंग्लैंड की गलतियों का नतीजा था। उनके अनुसार इंग्लैंड ने ऐसी पिचें बनाईं, जो वनडे क्रिकेट जैसी थीं और उसी स्टाइल में तेज गति से खेलने की उनकी रणनीति कई बार उलटी पड़ गई। उन्होंने कहा कि भारत की जीत या ड्रॉ को उपलब्धि कहना सही नहीं होगा, क्योंकि हालात और पिचें इस तरह थीं कि वहां जोखिम कम था।
बासित अली ने यह भी कहा कि भारत के पुराने बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजी को बखूबी खेलते थे। उन्होंने राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गजों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये खिलाड़ी मुश्किल परिस्थितियों में भी स्पिन को खूबसूरती से खेलते थे। उन्होंने याद दिलाया कि जब द्रविड़ और लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में ऐतिहासिक साझेदारी की थी, तब भी गेंद खूब टर्न हो रही थी, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों की तकनीक इतनी मजबूत थी कि वे हालात पर काबू पा सके।
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साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली शर्मनाक हार के बाद भारतीय टीम में बड़े बदलाव की मांग उठ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि टीम को बैटिंग अप्रोच बदलने, जिम्मेदारी दिखाने और टेस्ट फॉर्मेट पर दोबारा फोकस करने की जरूरत है। वहीं कई पूर्व खिलाड़ियों का कहना है कि यह समय टीम मैनेजमेंट को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने का है, ताकि नई चुनौतियों के लिए मजबूत भारतीय टेस्ट टीम तैयार हो सके।