
सोर्स-सोशल मीडिया
Zero Tolerance For Exploitation Of Women Athletes: बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) में उस समय हलचल मच गई जब राष्ट्रीय महिला टीम की तेज गेंदबाज जहाँआरा आलम ने पूर्व चयनकर्ता मंजुरुल आलम पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए। इस मामले ने न केवल क्रिकेट जगत को हिला दिया बल्कि महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए। बीसीबी अध्यक्ष अमीनुल इस्लाम ने इस पूरे प्रकरण में Zero Tolerance की नीति अपनाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी।
जहाँआरा आलम ने एक पत्रकार को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि 2022 के महिला विश्व कप के दौरान न्यूजीलैंड में पूर्व चयनकर्ता मंजुरुल आलम ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया।उन्होंने बताया कि मंजुरुल ने उनके निजी जीवन से जुड़े अनुचित सवाल किए, जिनमें उनके मासिक धर्म चक्र से जुड़े सवाल भी शामिल थे। जहाँआरा ने कहा कि कई अन्य महिला खिलाड़ी भी ऐसे ही अनुभव झेल चुकी हैं, लेकिन करियर पर असर पड़ने के डर से चुप हैं।
बोर्ड ने मामले की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति तारिक उल हकीम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई है। इस समिति में BCB निदेशक रुबाबा दौला और वरिष्ठ अधिवक्ता बैरिस्टर सरवत सिराज शुक्ला भी शामिल हैं। समिति को 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान महिला क्रिकेट से जुड़े चार अधिकारियों को जांच पूरी होने तक विशेष ड्यूटी (OSD) पर रखा गया है।
BCB अध्यक्ष अमीनुल इस्लाम ने स्पष्ट कहा कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा, चाहे वह कोच, चयनकर्ता या बोर्ड निदेशक ही क्यों न हो। उन्होंने कहा, “अगर मैं खुद गलती करूं और यह साबित हो जाए, तो मैं भी कानून से ऊपर नहीं हूं।” अमीनुल ने सभी से संयम बरतने और जांच समिति को निष्पक्ष रूप से काम करने का समय देने की अपील की।
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जहाँआरा के बयान के बाद कई पूर्व महिला क्रिकेटरों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा किए हैं। इससे बांग्लादेश क्रिकेट में जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग तेज हो गई है। BCB ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि वह सभी खिलाड़ियों और स्टाफ के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।हालाँकि, मंजुरुल आलम ने इन आरोपों को निराधार और मनगढ़ंत बताया है। इस विवाद ने बांग्लादेश क्रिकेट की छवि पर बड़ा असर डाला है।






