अजय जडेजा
गुजरात: गुजरात के जामनगर के जाम साहब शत्रुशल्य सिंह जी ने शुक्रवार यानी 11 अक्तूबर को अपने उत्तराधिकारी की घोषणा कर दी है। उन्होंने इसके लिए भारतीय पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा को चुना है। इस दौरान शत्रुशल्य सिंह जी ने कहा कि मुझे काफी आनंद है कि अजय जडेजा नवानगर के नए जाम साहब होंगे। उन्होंने साथ में यह भी कहा कि यह जामनगर की जनता के लिए आर्शीवाद की तरह होगा। पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा का जन्म 1 फरवरी 1971 में जामनगर में हुआ। वह वह जाम साहब के काफी करीबी भी रहे हैं। कई लोगों को यह लगता था कि वह नए जाम साहब हो सकते हैं।
जाम साहब शत्रुशल्य सिंह जी की अपनी कोई संतान नहीं है। इस वजह से उन्होंने अजय जडेजा को अपना वारिस चुना। जाम साहब शत्रुशल्य सिंह जी के पिता दिग्विजय सिंह 33 साल की उम्र में जाम साहब बने। उनके चाचा रणजित सिंह जी ने उन्हें गोद लेकर अपना वारिस बनाया था। बता दें कि जाम साहब रणजितसिहं के नाम से भी भारतीय क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी खेली जाती है। रणजित सिंह जी जडेजा आजादी से पहले भारतीय क्रिकेट में अपना दम दिखा चुके हैं। रणजितसिंह जी और दिलिपसिंह जी के परिवार से भी अजय जडेजा ताल्लुख रखते हैं। इस वजह से उन्होंने आधिकारिक तौर पर वारिष बनने के लिए चुना है।
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जाम साहब शत्रुशल्य सिंह जी पूर्व प्रथम श्रेणी के क्रिकेटर रह चुके हैं और नवानगर के महाराजा की उपाधि धारण करने वाले अंतिम व्यक्ति हैं। गुजरात के जामनगर शहर में उन्हें जाम साहब कह कर बुलाया जाता है। उन्होंने अपनी शिक्षा इंग्लैंड के मालवर्न कॉलेज से की और 1957 और 1958 में प्रथम एकादश के लिए खेला। कहा जाता है कि एक समय पर उन्होंने अपने महलों में करीब आठ हजार पालतू जानवरों को रखा था।
भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन खिलाड़ी अजय जडेजा साल 1992 से लेकर 2000 तक टीम का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने उपकप्तान के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाई है। मैच फिक्सिंग में नाम आने के बाद क्रिकेट खेलने पर पाबंदी लगा दी गई। यह बैन साल 2013 में हटा दिया गया था। उन्होंने आईपीएल की कई टीमों में मेंटोर का काम भी किया है।