Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Shardiya Navratri |
  • Asia Cup 2025 |
  • Rahul Gandhi |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

नवभारत विशेष: खिसियाए ट्रंप किसी भी हद तक जा सकते हैं, भारत अपने हितों पर दे ध्यान

H-1B visa applications: ट्रंप प्रशासन द्वारा एच-1 बी वीजा एप्लीकेशन पर बढ़ाई गई एक लाख डॉलर की राशि भारत के सामने अमेरिकी प्रशासन द्वारा पेश की जा रही परेशानियों की हद है, वे लोग गलतफहमी में न रहें।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Sep 23, 2025 | 02:18 PM

खिसियाए ट्रंप किसी भी हद तक जा सकते हैं,(सौ. फाइल फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

 

नवभारत डिजिटल डेस्क: जिन लोगों को लगता है ट्रंप प्रशासन द्वारा एच-1 बी वीजा एप्लीकेशन पर बढ़ाई गई एक लाख डॉलर की राशि भारत के सामने अमेरिकी प्रशासन द्वारा पेश की जा रही परेशानियों की हद है, वे लोग गलतफहमी में न रहें, ट्रंप अभी और नीचे जा सकते हैं।ट्रंप प्रशासन चुन-चुनकर बदले लेने पर उतारू है।कोई बड़ी बात नहीं कि आने वाले दिनों में अमेरिका, भारत को दुनिया का सबसे बड़ा प्रदूषणकर्ता घोषित करके हम पर दबाव डालने की कोशिश करे और डब्ल्यूटीओ के मंच में हमारी कृषि नीतियों पर आपत्ति जताकर भारत पर वैश्विक दबाव डलवाने की कोशिश करे, जिसका भारतीय किसानों और निर्यातकों पर सीधा असर हो सकता है।

अमेरिका हमारे स्पष्ट और तटस्थ रुख से परेशान हो गया है।वह चाहता है कि हम या तो पूरी तरह से अमेरिका के कैंप को चुन लें या फिर अमेरिका का प्रकोप झेलें।रूस और चीन से भारत ने हाल के दिनों में अपने जिन रिश्तों का इजहार किया है, उससे आने वाले दिनों में अमेरिका हम पर तरह-तरह के दबाव डालने की कोशिश करेगा।सवाल है जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्यक्तिगत रूप से और अमेरिकी प्रशासन राष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ एक से बढ़कर एक दबावों और परेशनियों की बाढ़ लगा रहे हैं, आखिर भारत उनसे कैसे निपटें? हम जिस रास्ते पर चल पड़े हैं और जिसमें काफी दूर आ गए हैं, अब उसमें पीछे लौटने का कोई फायदा नहीं है।अमेरिका हमारे कृषि और डेयरी क्षेत्र को अपने किसानों के लिए खुलवाना चाहता है।

रूस से तेल खरीदने पर नाखुश

अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया है कि रूस से कच्चा तेल खरीदकर हम उसे रिफाइन करके दुनिया को बेचकर फायदा उठाते हैं।आखिर अमेरिका भी तो वही करना चाहता है? जब अमेरिका खुद मध्य पूर्व से बड़े पैमाने पर कच्चा तेल खरीदता है, तो वह हमें क्यों बेचना चाहता है और अगर हमें वह उसी दर पर दे दे, जिस दर पर हम रूस से खरीद रहे हैं, तो भला भारत को क्या दिक्कत हो सकती है? ऐसी स्थिति में हम भले रूस से पूरी तरह से तेल खरीदना बंद न करें, पर बड़ी तादाद में अमेरिका से भी खरीदना शुरु कर सकते हैं।लेकिन अमेरिका हमें रूस से काफी ज्यादा महंगी दर पर तेल बेचना चाहता है ताकि ऐसा करके वह हमसे अच्छी खासी कमाई कर सके।अमेरिका से भारत तक तेल पहुंचाने का परिवहन खर्च भी काफी ज्यादा हो जाएगा।हमारे हित बिल्कुल वाजिब हैं और सबको स्पष्ट रूप से दिखते भी हैं।हमें हर हाल में अमेरिका द्वारा खड़ी की गई बाधाओं का विकल्प तलाशना होगा।

जहां तक निर्यात बाजार के लिए विकल्प तलाशने की बात है, तो यूरोप और एशिया पैसिफिक पर हमें दांव लगाना ही होगा।हमें डिजिटल और ग्रीन सेक्टर में अपनी आत्मनिर्भरता हर हाल में बढ़ानी होगी।भविष्य के परिदृश्य का अनुमान लगाएं तो ट्रंप की रणनीतियों से निपटने के लिए हमें एच-1बी प्रोफेशनल वीजा, व्यापार और टैरिफ तथा पाकिस्तान और सऊदी अरब की पीठ पर हाथ रखकर भारत के विरुद्ध करवाई गई इनकी रक्षा डील, ऊर्जा और तेल बाजार में चाबहार पोर्ट पर डाले गए अड़ंगे और रूस और चीन के साथ रिश्तों पर डाले जा रहे दबाव से निपटने का हमें वैकल्पिक रास्ता हर हाल में न सिर्फ तलाशना होगा बल्कि साथ ही साथ इस वैकल्पिक रास्ते पर चलना भी तुरंत शुरु कर देना होगा।तभी हम ट्रंप के हमलों की इस रणनीति से पार पा सकते हैं।

ये भी पढ़ें–  नवभारत विशेष के लेख पढ़ने के लिए क्लिक करें

भविष्य के परिदृश्य का अनुमान लगाएं तो ट्रंप की रणनीतियों से निपटने के लिए हमें एच-1बी प्रोफेशनल वीजा, व्यापार और टैरिफ तथा पाकिस्तान और सऊदी अरब की पीठ पर हाथ रखकर भारत के विरुद्ध करवाई गई इनकी रक्षा डील, ऊर्जा और तेल बाजार में चाबहार पोर्ट पर डाले गए अड़ंगे और रूस और चीन के साथ रिश्तों पर डाले जा रहे दबाव से निपटने का हमें वैकल्पिक रास्ता हर हाल में न सिर्फ तलाशना होगा बल्कि साथ ही साथ इस वैकल्पिक रास्ते पर चलना भी तुरंत शुरु कर देना होगा।तभी हम ट्रंप के हमलों की इस रणनीति से पार पा सकते हैं।हमें अब बहुत दिन तक इस उम्मीद को लेकर खामोश नहीं रहना चाहिए कि कुछ दिन गुजरेंगे, तो ट्रंप का पारा भी उतर जाएगा।ट्रंप इतने सीधे नहीं हैं।

लेख- लोकमित्र गौतम के द्वारा

Trump administration increases 100000 fee for h 1b visa applications

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Sep 23, 2025 | 02:18 PM

Topics:  

  • America
  • Donald Trump
  • Special Coverage
  • Tariff War

सम्बंधित ख़बरें

1

संपादकीय: GST रियायत का अब दिखेगा असर

2

निशानेबाज: पानी पूरी कम मत देना, वरना महिला देगी धरना

3

H-1B वीजा के बदलेंगे नियम! डॉक्टरों को अमेरिका दे सकता है 1 लाख डॉलर की फीस से राहत

4

कनाडा, ब्रिटेन के बाद अब फ्रांस… मैक्रों ने फिलिस्तीन को मान्यता देकर ट्रंप की बढ़ाईं मुश्किले

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.