रिजर्व बैंक के गर्वनर (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, आज हम आपसे किसी अजय, प्रणय, विजय, तनय, धनंजय या शत्रुंजय की चर्चा नहीं करेंगे बल्कि संजय के बारे में आपकी राय जानना चाहेंगे. हजारों वर्ष पुराना यह नाम अचानक चर्चित हो उठा है. जरूर इस नाम के साथ कोई चमत्कार जुड़ा हुआ है और सारी दुनिया चमत्कार को नमस्कार करती है.’ हमने कहा, ‘राजनीति में संजय गांधी किसी धूमकेतु के समान आए थे. इमरजेंसी के दौरान उनका दबदबा था. फिल्म में संजय दत्त और संजय कपूर के नाम से लोग परिचित हैं।
एक चरित्र अभिनेता का नाम संजय मिश्रा है. आपको पत्रकार और पुलिस जगत में भी संजय मिल जाएंगे. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का नाम संजय मल्होत्रा है. वैसे आपको विजय पर चर्चा करनी चाहिए क्योंकि जंजीर, दीवार, त्रिशूल, डॉन जैसी अधिकांश फिल्मों में अमिताभ बच्चन का नाम विजय रहा करता है.’ फिल्म ‘अग्निपथ’ में वह कहते हैं- नाम विजय दीनानाथ चव्हाण।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, विषय बदलने की कोशिश मत कीजिए. आज की चर्चा का मुद्दा सिर्फ संजय पर केंद्रित रखिए. इस नाम के लोग बुद्धिमान, कर्तव्यपरायण, चतुर-चालाक, स्मार्ट और प्रैक्टिकल हुआ करते हैं. अब यह बताइए कि इतिहास में सबसे पहले इस नाम का उल्लेख कहां है?’ हमने कहा, ‘महाभारत युद्ध के हर मोर्चे का आंखों देखा हाल संजय ने धृतराष्ट्र को सुनाया था. यदि नारदजी दुनिया के पहले पत्रकार थे और देवता-दानवों और ऋषि मुनियों तक संवाद प्रेषण या मास कम्युनिकेशन करते थे तो संजय भी दुनिया के पहले लाइव कमेंटेटर थे।
श्रीमद् भगवत गीता का प्रथम अध्याय ही धृतराष्ट्र के इस कथन से शुरू होता है- धर्मक्षेत्रे कुरूक्षेत्रे समवेता युयुत्सव: मामका: पांडवाश्चैव किमकुर्वत संजय. हे संजय धर्म भूमि कुरूक्षेत्र में युद्ध की इच्छा से एकत्र हुए मेरे और पांडू के पुत्रों ने क्या किया?’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मैं संजय हूं लेकिन महाभारत का संजय नहीं, जो भविष्य में ब्याज दरों में होनेवाले बदलाव और मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच ब्याज दरों में होनेवाली कटौती के बारे में भविष्यवाणी कर सकूं।’
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हमने कहा, ‘अब राजनीति के मुद्दे पर आइए. ठाकरे गुट के सांसद संजय राऊत ने महाभारत के पात्र का उल्लेख करते हुए उद्धव ठाकरे को श्रीकृष्ण की उपमा दी थी और खुद को संजय बताया था. इस पर शिंदे गुट के नेता और पूर्व विधायक शहाजी बापू पाटिल ने राऊत के अज्ञान पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि संजय कभी भी श्रीकृष्ण के साथ नहीं था, वह धृतराष्ट्र के साथ था. संजय राऊत को फिर से महाभारत ठीक से पढ़ना चाहिए।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा