
जलेबी तलते राहुल गांधी (डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के जीवन की दिशा हमें समझ में नहीं आ रही है। वह दिल्ली की 237 वर्ष पुरानी मिठाई की दुकान ‘घंटेवाला’ जाकर इमरती तलने लगे और लड्डू बनाने लगे। उन्हें नेतागिरी करनी है या हलवाई की दुकान खोलनी है?’
हमने कहा, ‘राजनीति में आश्वासनों की गोल-गोल इमरती या जलेबी से जनता को लुभाया जाता है। मन के लड्डू फोड़े जाते हैं। टिकट की मांग करने वालों को ‘आ वे लड्डू, जा बे लड्डू’ कहकर यहां से वहीं घुमाया जाता है।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, घंटेवाला के मालिक ने राहुल को बताया कि पं. जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक इसी दुकान के ग्राहक थे। राजीव और सोनिया की शादी में मिठाई इसी दुकान से गई थी। उसने राहुल से यह भी कहा कि अब हम आपकी शादी का इंतजार कर रहे हैं। उसके लिए मिठाई हमारे यहां से ही मंगवाना।’
हमने कहा, ‘खानदानी ताल्लुकात इसी तरह जुड़ते हैं। शायद शादी के मामले में राहुल मिठाई वाले की सलाह सुन लें। घंटेवाला ने तो घंटा बजा दिया, अब शहनाई बजवाने के लिए राहुल को तैयारी दिखानी होगी।’
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पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, कोई भी खूबसूरत लेकिन आरामतलब लड़की राहुल को पसंद कर लेगी क्योंकि अपने कुकिंग के शौक और रेसिपी तैयार करने की रुचि की वजह से वह किचन संभाल लेंगे। यदि लड़की विदेशी हुई तो आश्चर्य में पड़ जाएगी कि जलेबी के भीतर रस कैसे आया? क्या उसे इंजेक्शन के जरिए भरा गया?’
हमने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को बेरोजगारी दूर करने के लिए पकौड़े तलने की सलाह दी थी। उनके मिर्च के तीखे पकोड़े की बजाय राहुल की जलेबी या इमरती लोगों का मुंह मीठा करेगी। कांग्रेस पार्टी भी चाहे तो बिहार के इलेक्शन में एनडीए की रेवड़ी का मुकाबला करने के लिए हर चुनाव क्षेत्र में राहुल ब्रांड वाली गरमा गरम जलेबी बांटे। जिस तरह गुड़ से चींटे चिपक जाते हैं, वैसे ही जलेबी से वोटर चिपक जाएंगे।’
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा






