(डिजाइन फोटो)
पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, मध्यप्रदेश के शिवपुरी के दिखावा पसंद चायवाले ने 72,000 रुपए की मोपेड खरीदी और उसे एक क्रेन से लटकाकर डीजे, ढोल-ताशे के साथ, नाचते-गाते साथियों के साथ जुलूस निकालकर अपने घर लाया। इस तरह की शोबाजी पर उसने 40,000 रुपए फूंक डाले।’’
हमने कहा, ‘‘उस चायवाले की खुशी पर गौर कीजिए। अमीर लोग मर्सिडीज खरीदने पर भी जितने खुश नहीं होते उनकी तुलना में यह चायवाला मामूली सी मोपेड खरीदकर प्रसन्न हो गया। उसकी हालत यह हो गई कि मुझे खुशी मिली इतनी कि मन में ना समाय! उसका दिल गार्डन-गार्डन या बाग-बाग हो गया। वह मोपेड खरीदकर मस्त हो गया। मोपेड बनानेवाली कंपनी उस चायवाले को अपना मॉडल बना सकती है।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, खास बात यह है कि उसने मोपेड खरीदने के लिए 20,000 रुपए का डाउन पेमेंट किया और बाकी रकम के लिए लोन लिया। यह घर फूंक तमाशा देख जैसी मिसाल है। एक सनकी के दिल में आया कि देखूं किसी मकान के जलने पर कैसा नजारा दिखाई देता है! इस सनक में उसने अपना ही घर जला डाला। कहावत है कि जब रोम जल रहा था तो वहां का सम्राट नीरो बांसुरी बजा रहा था।’’
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हमने कहा, ‘‘चायवाले के समान कितने ही लोग अपनी हैसियत से ज्यादा खर्च करते हैं। चार्वाक नामक नास्तिक ऋषि ने कहा था- यावत जीवेत सुखं जीवेत, ऋण कृत्वा घृतं पीवेत, भुंजी भोगस्य देह क्वचित पुनरागति। इसका अर्थ है- जब तक जीना है सुख से जियो, कर्ज लेकर घी पियो। मृत्यु के बाद यह शरीर जलकर भस्म हो जाएगा। पुनर्जन्म का कोई भरोसा नहीं है। ऐसे भी सनकी लोग रहते हैं जो महीने भर का वेतन 2 दिनों में खर्च कर देते हैं और फिर दोस्तों से उधार मांग कर काम चलाते हैं। ऐसे लोगों को चादर देखकर पैर फैलाने की आदत नहीं रहती। वे दूसरे की चादर में अपना पैर घुसेड़ लेते हैं।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, चाय वाले की आलोचना करने की बजाय यह देखिए कि वह कितना दिलदार, मस्तमौला या बेफिक्र आदमी है। जिस काम में खुशी मिले, वह जरूर करना चाहिए। उसने मोपेड खरीदने को इवेंट बना दिया। बिल गेट्स को चाय पिलानेवाले डॉली चायवाले के बाद पूरी मस्ती और तामझाम के साथ मोपेड खरीदनेवाला मध्यप्रदेश का यह चायवाला चर्चा में आ गया। उसकी उमंग, तरंग और बेइंतहा खुशी की प्रशंसा कीजिए।’’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा