पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियां (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: आतंकी गतिविधियों के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के जरिए वित्तपूर्ति गंभीर समस्या बन गई है। फाइनेशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने अपनी नई रिपोर्ट में फरवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र किया जिसमें इस्तेमाल किए गए विस्फोटक का प्रमुख घटक ईपीओएम अमेजान से हासिल किया गया था। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के इस फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। रिपोर्ट में 2022 में गोरखनाथ मंदिर में हुए धमाके का भी उल्लेख है जहां हमले के लिए डिजिटल टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया गया था।
भारत ने इन आतंकी हमलों को पाकिस्तान प्रायोजित बताते हुए गहरी चिंता जताई थी। इतने पर भी एफएटीएफ तथा विश्व ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है। कम से कम इस रिपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आंखें खुल जानी चाहिए कि आतंक को बढ़ावा देनेवाले देश का बचाव करना कितना गलत है। एफएटीएफ की रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि आतंकी संगठन हमले करने के लिए ई-कॉमर्स और ऑनलाइन पेमेंट सेवाओं का इस्तेमाल करने लगे हैं तथा धन के हस्तांतरण और विस्फोटक सामग्री हासिल करने के लिए तकनीक को अपना रहे हैं। इससे कम खर्च और अल्प समय में उनका काम हो जाता है और अपनी पहचान छुपाने के कारण वह पकड़ में भी नहीं आते।
सीधे नाम न लेते हुए एफएटीएफ ने पाकिस्तान की ओर इशारा किया और कहा कि कुछ आतंकवादी संगठनों को विभिन्न सरकारों से वित्तीय तथा अन्य प्रकार का सहयोग व समर्थन मिलता रहा है और अभी भी मिल रहा है। भारत ने हमेशा दावा किया है कि जैश-ए-मोहम्मद तथा लश्कर-ए-तैयबा के जरिए पाकिस्तान प्रॉक्सी वार कर रहा है और विश्व शांति के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। एफएटीएफ ने भी इन संगठनों को खतरनाक माना है लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। इस रिपोर्ट के आधार पर एफएटीएफ की अगली बैठक में मांग की जानी चाहिए कि वह पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दे।
पहली बार एफएटीएफ ने किसी देश की सरकार द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का उल्लेख किया है। यह बात उस देश पर लागू होती है जो अपनी अधिकृत नीति के तहत आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग करता है। पाकिस्तान की इसमें स्पष्ट भूमिका है। गत 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 हिंदुओं की हत्या के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का मामला भारत की ओर से एफएटीएफ की बैठक में उठाया जाएगा। पाकिस्तान टेरर फाइनांसिंग व गुप्त सौदों के लिए क्रिप्टो करेंसी का भी इस्तेमाल कर रहा है। जब इतने तथ्य सामने हैं तो एफएटीएफ को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा