बॉल का गणित (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, खबर पढ़ने को मिलती है कि सत्तापक्ष ने बड़ी चतुराई से विपक्ष के पाले में गेंद डाल दी।किसी व्यक्ति का नाम गेंदलाल भी होता है। फुटबॉल और हॉकी मैच में दोनों टीमों के 22 खिलाड़ी गेंद के पीछे पड़े रहते है।बच्चे रबर बॉल या टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते हैं।पिंग पांग या टेबल टेनिस की गेंद छोटी होती है।गोल्फ और पोलो जैसे खेलों में अलग-अलग किस्म की गेंद इस्तेमाल की जाती है।बेसबॉल, बास्केटबॉल और वालीबॉल की गेंद भिन्न-भिन्न प्रकार की होती है।शॉट पुट या गोला फेंक में धातु की गेंद उपयोग में लाई जाती है।
रग्बी जैसे खेल की गेंद गोल नहीं होती बल्कि ओवल या अंडाकार होती है।हमें बताइए कि गेंद का आविष्कार कहां हुआ? यह भारत में ईजाद हुई या विदेश में?’ हमने कहा, ‘भगवान कृष्ण यमुना तट पर अपने सखाओं के साथ गेंद खेला करते थे।उन्होंने तय कर लिया था कि कालिया नाग को यमुना से बाहर निकालना है, इसलिए यमुना में गिरी गेंद को बाहर निकालने के बहाने कृष्ण जलधारा में कूद पड़े और अपने चरणों से प्रहार कर कालिया का कचूमर निकाल दिया।उसके फन पर नृत्य किया।उस नाग को अपने परिवार सहित वहां से अन्यत्र जाना पड़ा।
इसी तरह रामायण में शेषावतार लक्ष्मणजी ने परशुराम से कहा था- ‘कंदुक सम ब्रम्हांड उठाऊं’ अर्थात मैं गेंद के समान पृथ्वी को उठा सकता हूं!’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज कर्नाटक में एक पहाड़ी पर गेंद के आकार की गोल चट्टान रखी है जो गिरती नहीं।लोग उसे आश्चर्य से देखते हैं।वह ‘बटर बॉल ऑफ कृष्णा’ कहलाती है।फुटबाल में कुशल खिलाड़ी साइकिल किक मार लेते हैं।
पैर के अलावा सिर से भी बॉल को मारा जाता है।केवल गोलकीपर हाथ से गेंद रोक सकता है.’ हमने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में रेड बॉल इस्तेमाल की जाती है जबकि वनडे और टी-20 में व्हाइट बॉल चलता है।क्रिकेट में 3 प्रकार की गेंद प्रचलित है।इंग्लैंड में ड्यूक बाल से क्रिकेट खेली जाती है जिसे एक भारतीय दिलीप जगजोदिया मैन्यूफैक्चर करते हैं। ऑस्ट्रेलिया में काकाबुरा गेंद का इस्तेमाल होता है।इसके अलावा एसजी गेंद भारत में प्रचलित है।’ इस तरह से ही बॉल का गणित अलग ही नजर आता है हर पैमाने पर।
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा