आनंदीबेन पटेल (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन ने एक अलग ही आनंद रामायण सुनाई है। उन्होंने ऐसी विद्वतापूर्ण बातें बताई हैं जो महर्षि वाल्मिकी और संत तुलसीदास या महाराष्ट्र के भावार्थ रामायण लिखने वाले संत एकनाथ को भी नहीं सूझीं। महामहिम आनंदीबेन ने कहा कि कुंभकर्ण 6 महीने की नींद नहीं लेता था बल्कि वह गुप्त रूप से रावण की सेना के लिए हथियार बनाता रहता था। वह टेक्नोक्रेट था। ऐसी जानकारी तो आज तक किसी बड़े से बड़े प्रवचनकार या महात्मा ने भी नहीं दी। हिंदुओं के सर्वोच्च धर्मगुरू शंकराचार्य को भी नहीं मालूम होगा कि कुंभकर्ण टेक्नोक्रेट था।’’
हमने कहा, ‘‘आनंदीबेन थोड़ा और विस्तार में जातीं तो कह सकती थीं कि रावण आटोक्रेट या तानाशाह था। जैसे कि इस समय किम जोंग, जिनपिंग या पुतिन हैं। इसी तरह वे रावण के तीसरे भाई विभीषण को चतुर डिप्लोमेट बता सकती थीं जिसने मौका पाते ही दल बदल कर लिया और भगवान राम की पार्टी में जा मिला। आनंदीबेन अपनी कल्पना की उड़ान में चाहे तो यह भी दावा कर सकती थीं कि आज का आस्ट्रेलिया वास्तव में अस्त्रालय था जहां कुंभकर्ण अस्त्र बनाकर रखा करता था। हिंदी में ऐसी बेतुकी बातों को गपबाजी और मराठी में ‘फोकनाड़’ कहते हैं।’’
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पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, आनंदीबेन महामहिम राज्यपाल हैं जिनकी बातों को कोरी गपशप न मानकर गंभीरता से लीजिए। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के राइट बंधुओं के पहले भरद्वाज ऋषि ने विमान का आविष्कार कर लिया था और उन्होंने मुंबई की चौपाटी पर आकर उस विमान को 1 किलोमीटर तक उड़ाया था।’’
हमने कहा, ‘‘भरद्वाज मुनि द्वापर युग में हुए थे। भगवान राम उनके आश्रम में आए थे। वह आश्रम प्रयागराज के निकट था। उत्तरप्रदेश का मैदानी इलाका छोड़कर वह मुंबई की चौपाटी पर क्यों आए होंगे? रामायण काल में न तो मुंबई थी न उसकी चौपाटी! मुंबई 7 छोटे द्वीपों में बसा था जिसे पुर्तगालियों ने अंग्रेजों के हवाले कर दिया था। जहां तक पुष्पक विमान की बात है, उसे रावण ने अपने सौतेले भाई कुबेर से छीना था। रावणवध के बाद जब राम को अयोध्या लौटना था तब विभीषण ने उन्हें पुष्पक विमान उपलब्ध कराया था।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, आप कहीं भी निशाना लगाइए परंतु महामहिम की महावाणी को निशाने पर लेना टाल दीजिए। अपने तर्क और अविश्वास को श्रद्धा में बदलिए।’’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा