संध्या समय घर की चौखट पर बैठना क्यों है वर्जित
Evening Astro Tips: सनातन धर्म में वास्तु-शास्त्र का बड़ा महत्व है। वास्तु-शास्त्र में घर के लिए कई नियम बताए गए हैं। जिनका पालन करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। अक्सर आपने बड़े-बुजुर्गों को घर की चौखट पर खड़ा होने से मना करते जरूर सुना होगा कि शाम के समय घर की चौखट पर नहीं बैठना चाहिए। आखिर ऐसा क्यों कहा जाता है। आइए जानते हैं इस बारे में-
संध्या के समय घर की चौखट पर बैठना क्यों है वर्जित
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दहलीज का संबंध माता लक्ष्मी (मां लक्ष्मी मंत्र) से है। ऐसा माना जाता है कि संध्या के समय माता लक्ष्मी प्रवेश द्वार से ही घर में आती हैं। अब ऐसे में अगर उस समय घर की चौखट पर बैठ जाएं, तो माता लक्ष्मी वापस चली जाएंगी।
इसलिए हमारे घर के बड़े-बुजुर्ग संध्या के समय दहलीज पर बैठने से मना करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, घर की दहलीज पर बैठने से दरिद्रता का आगमन होता है और नकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।
चौखट के सामने न खोलें जूते-चप्पल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर की चौखट के सामने जूते-चप्पल रखने से बचना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे माता लक्ष्मी (मां लक्षमी चिह्न) का अपमान होता है और वह घर से चली जाती हैं। जिसके कारण घर-परिवार में धन संबंधित परेशानियां आने लग जाती हैं और व्यक्ति को धन हानि होने लग जाता है।
घर की दहलीज पर बैठकर नाखुन भूलकर भी नहीं काटना चाहिए। इससे घर में दरिद्रता का वास होता है। इसके अलावा घर की दहलीज पर बैठकर मांसाहारी भोजन करना वर्जित माना जाता है। साथ ही घर की दहलीज पर कैलेंडर या घड़ी इत्यादि नहीं टांगना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है।
कुछ मान्यताओं के अनुसार, चौखट पर बैठना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह मृत्यु और अशुभता का प्रतीक माना जाता है।
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वैज्ञानिक दृष्टिकोण की मानें तो, शाम के समय मच्छर और अन्य कीड़े-मकोड़े अधिक सक्रिय होते है। चौखट पर बैठने से इनके काटने का खतरा बढ़ जाता है। शाम के समय हवा ठंडी हो जाती है। चौखट पर बैठने से सर्दी-जुकाम और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। इसलिए घर के बड़े-बुजुर्ग संध्या के समय दहलीज पर बैठने से मना करते हैं।