आखिर महिलाएं सावन में क्यों लगाते हैं? मेहंदी (सौ.सोशल मीडिया)
Sawan Mehndi:सावन का महीना कई मायनों में खास होता है। यूं कहिए यह महीना प्रकृति और संस्कृति से भी जुड़ा हैं। इस दौरान चारों तरफ हरियाली होती है। यह महीना भगवान शिव की अराधना के लिए जाना जाता हैं। खासकर महिलाओं के लिए। यह सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और प्रकृति के संगम का प्रतीक है।
सावन महीने में जहां हरियाली चारों ओर छा जाती है, वहीं महिलाएं हरे वस्त्र, चूड़ियां और विशेष रूप से मेहंदी का प्रयोग करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेहंदी लगाना केवल फैशन नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरी धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं जुड़ी हैं? आइए जानते है इस बारे में-
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मेहंदी सुहाग का प्रतीक है और सावन के महीने में मेहंदी लगाना शुभ माना गया हैं। कहा जाता है कि, सावन में यदि महिलाएं मेहंदी लगाती हैं तो माता पार्वती प्रसन्न होकर उन्हें अखंड सौभाग्य व सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती है।इसके अलावा, यह भी विश्वास है कि मेहंदी जितनी गाढ़ी रचती है, उतना ही गहरा प्रेम जीवनसाथी से मिलता है।
सावन का महीना हरियाली का प्रतीक है और इस दौरान हरे रंग को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। मेहंदी का रंग भी हरा होता है, जो प्रकृति और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा होता है। साथ ही, हरा रंग भगवान शिव को भी प्रिय है, इसलिए महिलाएं हरे वस्त्रों और मेहंदी के माध्यम से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने की कोशिश करती हैं।
आपको बता दें, मेहंदी का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं, बल्कि मेहंदी लगाने के वैज्ञानिक कारण भी हैं। बारिश के मौसम में संक्रमण, स्किन एलर्जी और गर्मी जैसी समस्याएं आम होती हैं। मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, जिससे यह शरीर की गर्मी को संतुलित करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है। इसके एंटीसेप्टिक गुण त्वचा को भी स्वस्थ रखते हैं।
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पौराणिक कथाओं के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने की कामना 107 जन्मों तक कठोर तप किया था और फिर 108वें जन्म में उन्हें शिवजी पति के रूप में मिले। सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती को प्रिय हैं। सावन में मेहंदी लगाने से मां पार्वती अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं।