अनंत चतुर्दशी पर क्यों पहनते है अनंत सूत्र (सौ. डिजाइन फोटो)
Importance of Anant Chaturdashi: गणेश उत्सव के 10 वें दिन आज अनंत चतुर्दशी का त्योहार देशभर में मनाया जा रहा है। अनंत चतुर्दशी के दिन ही 10 दिनों से विराजित प्रथम पूज्य श्रीगणेश जी का विसर्जन किया जाएगा। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए भी खास होता है। जहां पर भगवान की आराधना करने के बाद कई नियम अपनाएं जाते है। इस नियम में अनंत सूत्र बांधा जाता है जहां अनंत सूत्र बांधने को लेकर नियम है कि 14 गांठे लगाई जाती है। आखिर ऐसा क्यों होता है चलिए जानते है।
यहां पर अनंत चतुर्दशी के मौके पर पहने जा रहे अनंत सूत्र का अलग महत्व होता है। यह सूत्र भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और उनके अनंत स्वरूप में विश्वास का प्रतीक माना जाता है। साथ ही इस अनंत सूत्र को सुरक्षा, समृद्धि और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक मानते है। 14 गांठें इस सूत्र को और अधिक पवित्र बनाती हैं, जो 14 लोकों, गुणों और भगवान विष्णु की अनंतता को दर्शाती हैं। ‘अनंत’ शब्द का अर्थ है जिसका कोई अंत न हो, और यह भगवान विष्णु की अनंतता, शाश्वतता और सर्वव्यापी प्रकृति को दर्शाता है. अनंत चतुर्दशी पर इस सूत्र को बांधने की परंपरा के पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक कारण हैं। बताया जाता है कि, अनंत सूत्र बांधने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और परिवार में समृद्धि आती है।
यहां पर इस अनंत चतुर्दशी की पौराणिक कथा के बारे में वर्णन मिलता है। यह कथा का संबंध महाभारत काल से है।जब पांडव जुए में अपना सब कुछ हार गए थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को अनंत सूत्र बांधने की सलाह दी थी। जहां पर 14 गांठों के साथ अनंत सूत्र बांधने से पांडवों को खोई हुई समृद्धि और शक्ति वापस मिली. यह सूत्र भगवान विष्णु के अनंत रूप का प्रतीक है, जो भक्तों को संकटों से उबारता है। बात करें तो, अनंत सूत्र भक्त और भगवान के बीच एक आध्यात्मिक बंधन का प्रतीक होता है।अगर आप इस अनंत सूत्र को बांधते है तो, भक्त को अनंत काल तक भगवान की कृपा और विश्वास मिलता है।
यहां पर हिंदू धर्म के अनुसार, अनंत सूत्र की 14 गांठें लगाने के पीछे कई बातें आती है जो इस प्रकार है…
1- हिंदू धर्म में 14 लोकों का महत्व होता है जिसमें भूलोक, भुवर्लोक, स्वर्लोक, महर्लोक, जनलोक, तपोलोक, सत्यलोक (ऊपरी लोक) और अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल (निचले लोक)। इस वजह से 14 लोकों को देखते हुए अनंत सूत्र की 14 गांठें लगाई जाती है।
2-मान्यताओं के अनुसार, ये 14 गांठें मानव जीवन के 14 गुणों या सिद्धांतों (जैसे धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, सत्य, दया आदि) को दर्शाती हैं। जिसे आपको जीवन में अपनाना चाहिए।
3- 14 गांठें उनके विभिन्न अवतारों (जैसे दशावतार और अन्य रूप) को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाती हैं। जहां पर भक्त विष्णु जी को हर रूप में पाना चाहते है उनका विश्वास दिलाता है।
4- कहते है कि,14 अंक को कई परंपराओं में पूर्णता और संतुलन का प्रतीक माना जाता है। जहां पर 14 गांठें बांधने से सूत्र में एक विशेष ऊर्जा और पवित्रता आती है, जो इसे और शक्तिशाली बनाती है।
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पूजा: अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें. भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें. पूजा में फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें.
बांधने की प्रक्रिया: पुरुष दाहिने हाथ पर और महिलाएं बाएं हाथ पर अनंत सूत्र बांधती हैं. इसे बांधते समय मंत्र जाप करें, जैसे
ॐ अनंताय नमः या ॐ नमो भगवते अनंताय।
व्रत और नियम: व्रत के दौरान सात्विक भोजन करें और नमक का सेवन न करें. पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें.