
मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू (सौ.सोशल मीडिया)
Makar Sankranti 2025: नए साल की शुरुआत हो चुकी है इसके साथ ही जनवरी माह से व्रत और त्योहार भी शुरु हो ही जाते है। जहां पर दिसंबर में विवाह और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है वहीं पर मकर संक्रांति पर ये सभी विशिष्ट कार्य शुरु हो जाते है। मकर संक्रांति को खास तौर पर 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस मौके पर कई जगहों पर अलग-अलग रिवाज देखने के लिए मिलते है कहीं पतंग उड़ाते है तो कहीं पर टेस्टी पकवान।
कई बार आपने मन में एक सवाल आया होगा कि, आखिर क्यों मकर संक्रांति पर पकवान के रूप में गुड़ और तिल के लड्डू बनाए जाते है। इसके पीछे एक पौराणिक महत्व छिपा है चलिए जानते हैं इसके बारे में…
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का महत्व होता है इसे मांगलिक कार्यों के एक द्वार के तौर पर मान सकते है। सूर्य, मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में तिल गुड़ का भोग लगाया जाता है। इसे लेकर ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी जी जानकारी देते हैं जो पौराणिक कथा को व्यक्त करता है। एक समय की बात है, जब सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव से मिलने उनके घर गए थे।
शनि देव ने अपने पिता का स्वागत बहुत ही आदर के साथ किया। उन्होंने अपने पिता सूर्य देव की पूजा अर्चना की और उन्हें भोजन में तिल और गुड़ का भोग लगाया। यह भोग उन्होंने अपनी श्रद्धा और प्रेम से बनाया था। सूर्य देव अपने पुत्र की भक्ति से बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने शनि देव को आशीर्वाद देते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति मकर संक्रांति के पावन पर्व पर तिल और गुड़ का सेवन करेगा और मेरी पूजा करेगा, उस पर मेरी और शनि देव दोनों की कृपा बनी रहेगी। इस कथा के बाद से परंपरा के तौर पर गुड़ और तिल का भोग लगाया जाता है।
सनातन धर्म के अनुसार, मकर संक्रांति पर परंपरा के तौर पर गुड़ और तिल का भोग लगाना शुभ माना जाता है। गुड़ और तिल का ज्योतिष शास्त्र में भी महत्व होता है। यहां पर गुड़ को ज्योतिष में समझे तो,विशेष रूप से व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के दोष को निवारण करने के लिए बनाया जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु या केतु का अशुभ प्रभाव हो, तो वह व्यक्ति गुड़ का दान करके इन ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम कर सकता है।
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यहां पर दोषों को दूर करने के लिए रविवार के दिन गुड़ और तिल का दान करना शुभ माना जाता है। इतना ही नही गुड़ को शनि देव को समर्पित वस्तु माना जाता है। अगर आप कुंडली में ग्रह दोष की समस्या से परेशान है तो, शनि के मंत्रों के साथ ही जाप करते हुए गुड़ का दान या सेवन शुरु कर दें। ऐसा करने से आपके जीवन में समस्याओं का हल मिलने लगता है।






