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पांचवीं महाविद्या ‘त्रिपुर भैरवी’ की जयंती आज, जानिए देवी के इस स्वरूप की महिमा

Tripur Bhairavi Jayanti: आज मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को दत्तात्रेय जयंती मनाई जा रही है। दत्तात्रेय जी की पूजा मुख्य रूप से नाथ सम्प्रदाय, अवधूत परंपरा और योग साधक करते हैं।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Dec 04, 2025 | 05:00 AM

त्रिपुर भैरवी जयंती की महिमा (सौ.सोशल मीडिया)

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Tripur Bhairavi Jayanti 2025: आज 4 दिसंबर 2025 को ‘त्रिपुर भैरवी जयंती’ मनाई जा रही है। मां काली को समर्पित त्रिपुर भैरवी जयंती हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। मां त्रिपुर भैरवी को 10 महाविद्याओं में से माना जाता है। माता 5वीं महाविद्या कही जाती हैं।

आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, इस वर्ष, त्रिपुर भैरवी जयंती ब्रह्म मुहूर्त 05:10 बजे से शुरू होकर सुबह 06:04 बजे तक रहेगा। शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:50 बजे से लेकर दोपहर 12:32 बजे तक रहेगा। चंद्रोदय तिथि को मान्यता देते हुए त्रिपुर भैरवी जयंती 4 दिसंबर को मनाई जाएगी।

त्रिपुर भैरवी जयंती 2025 पर बन रहे शुभ योग

ज्योतिषियों के अनुसार, त्रिपुर भैरवी जयंती के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जिनमें रवि योग, शिव योग और सिद्ध योग शामिल हैं। इस दिन रवियोग सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 2 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। वहीं, शिवयोग सुबह से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन सिद्ध योग शिव योग के बाद शुरू होगा।

त्रिपुर भैरवी जयंती की महिमा

मां आदिशक्ति के स्वरूप त्रिपुर भैरवी की पूजा तंत्र विद्याओं में महारथ हासिल करने के लिए की जाती है। इसके अलावा देवी भैरवी की पूजा तेरह अलग-अलग रूपों में की जाती है, जैसे -त्रिपुर भैरवी, चैतन्य भैरवी, सिद्ध भैरवी, भुवनेश्वर भैरवी, सम्पदाप्रद भैरवी, कालेश्वरी भैरवी, कामेश्वरी भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी, रुद्र भैरवी, भद्र भैरवी, शतकुटी भैरवी और नित्या भैरवी।

ज्योतिषियों के अनुसार, माता त्रिपुर भैरवी की पूजा करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है और जीवन में सफलता मिलती है। इसके साथ ही सभी तरह की आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।

इनकी उपासना से व्यक्ति को सफलता एवं सर्वसंपदा की प्राप्ति तो होती ही है साथ ही शक्ति-साधना तथा भक्ति-मार्ग में किसी भी रूप में त्रिपुर भैरवी की उपासना फलदायक है।

भक्ति-भाव से मन्त्र-जप, पूजा, होम करने से भगवती त्रिपुर भैरवी प्रसन्न होती हैं। उनकी प्रसन्नता से साधक को सहज ही संपूर्ण अभीष्टों की प्राप्ति होती है। मनोवांछित वर या कन्या से विवाह के लिए भी इनकी पूजा की जाती है।

यह भी पढ़ें-आ गई ‘सकट चौथ 2026’ की सटीक तिथि, महिलाएं ‘इस’ विशेष शुभ मुहूर्त में करें पूजा

क्यों की जाती है त्रिपुर भैरवी की पूजा

माना जाता है कि उनकी कृपा से शत्रु और बाधाएं समाप्त होती हैं, करियर और व्यापार में उन्नति मिलती है, साधक भय, संकोच और अनिश्चितता से मुक्त होता है। साथ ही इनकी उपासना से तंत्र साधना और आत्मबल में वृद्धि होती है।

 

When will tripura bhairavi be celebrated

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Published On: Dec 04, 2025 | 05:00 AM

Topics:  

  • Goddess Lakshmi
  • Religion
  • Sanatana Dharma

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