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दिवंगत माताओं का श्राद्ध कब किया जाएगा, जानिए सही तिथि, समय और तर्पण का नियम

Matra Navami Shradh 2025:पितृपक्ष के दौरान मातृ नवमी श्राद्ध भी किया जाता है। मान्यता है कि मातृ नवमी श्राद्ध करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस बार मातृ नवमी का श्राद्ध 15 सितंबर को है।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Sep 11, 2025 | 06:19 PM

कब है मातृ नवमी (सौ.सोशल मीडिया)

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Pitru Paksha 2025: धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से श्राद्ध यानी पितृपक्ष का विशेष महत्व है। जैसे श्राद्ध शब्द श्रद्धा से बना है, जिसका अर्थ है पितरों के प्रति हमारी श्रद्धा भाव। हमारे अंदर प्रवाहित रक्त में हमारे पितरों के अंश हैं, जिसके कारण हम उनके ऋणी होते हैं और यही ऋण उतारने के लिए श्राद्ध कर्म एवं पिंडदान आदि किये जाने का विधान हिन्दू धर्म ग्रथों में बताया गया है।

कहते हैं, पितृपक्ष में किए गए श्राद्ध-तर्पण, पिंडदान इत्यादि कार्यों से पूर्वजों की आत्मा को तो शांति प्राप्त होती ही है, साथ ही कर्ता यानी परिवार को भी पितृ ऋण से मुक्ति मिल जाती है। 7 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो चुका है।

वहीं इसका समापन 21 सितंबर को होगा। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार दिवंगत माताओं का श्राद्ध कब किया जाएगा? आइए इसकी डेट से लेकर सभी प्रमुख बातों को जानते हैं।

कब है मातृ नवमी

आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, इस साल मातृ नवमी का श्राद्ध 15 सितंबर, 2025 दिन सोमवार को किया जाएगा।

कुतुप मूहूर्त

सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक।

रौहिण मूहूर्त

दोपहर 12 बजकर 41 मिनट से 01 बजकर 30 मिनट तक।

अपराह्न काल

दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 58 मिनट तक।

जानिए क्या है माताओं के श्राद्ध के नियम

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
  • कुश, जौ, तिल और जल से तर्पण करें।
  • चावल, जौ और काले तिल को मिलाकर पिंड बनाएं और दिवंगत माताओं को अर्पित करें।
  • श्राद्ध का भोजन तैयार करें, जिसमें खीर, पूरी, सब्जी, दाल आदि शामिल होती है।
  • इस भोजन को सबसे पहले कौवे, गाय, कुत्ते और देवताओं के लिए निकालें।
  • पितरों को भोजन अर्पित करने के बाद, ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।
  • श्राद्ध के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य वस्तुओं का दान करें।

ये भी पढ़े–पितृ पक्ष में गलती से भी न बनाएं ये सब्जियां, वरना भूखे लौट जाएंगे पितर  

क्या है मातृ नवमी का महत्व

पितृ पक्ष में मृत माताओं का श्राद्ध नवमी के दिन होता है। यह तिथि उन सभी महिलाओं के लिए श्राद्ध कर्म करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिनकी मृत्यु किसी भी महीने की नवमी तिथि को हुई हो या जिनकी मृत्यु की तिथि पता न हो।

इस दिन किया गया श्राद्ध परिवार की सभी दिवंगत महिलाओं की आत्माओं को शांति देता है। इसके साथ ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

When will the shradh of the deceased mothers be performed

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Published On: Sep 11, 2025 | 06:18 PM

Topics:  

  • Lifestyle News
  • Pitru Paksha
  • Religion

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