कब है मातृ नवमी (सौ.सोशल मीडिया)
Pitru Paksha 2025: धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से श्राद्ध यानी पितृपक्ष का विशेष महत्व है। जैसे श्राद्ध शब्द श्रद्धा से बना है, जिसका अर्थ है पितरों के प्रति हमारी श्रद्धा भाव। हमारे अंदर प्रवाहित रक्त में हमारे पितरों के अंश हैं, जिसके कारण हम उनके ऋणी होते हैं और यही ऋण उतारने के लिए श्राद्ध कर्म एवं पिंडदान आदि किये जाने का विधान हिन्दू धर्म ग्रथों में बताया गया है।
कहते हैं, पितृपक्ष में किए गए श्राद्ध-तर्पण, पिंडदान इत्यादि कार्यों से पूर्वजों की आत्मा को तो शांति प्राप्त होती ही है, साथ ही कर्ता यानी परिवार को भी पितृ ऋण से मुक्ति मिल जाती है। 7 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो चुका है।
वहीं इसका समापन 21 सितंबर को होगा। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार दिवंगत माताओं का श्राद्ध कब किया जाएगा? आइए इसकी डेट से लेकर सभी प्रमुख बातों को जानते हैं।
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, इस साल मातृ नवमी का श्राद्ध 15 सितंबर, 2025 दिन सोमवार को किया जाएगा।
सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 41 मिनट तक।
दोपहर 12 बजकर 41 मिनट से 01 बजकर 30 मिनट तक।
दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 58 मिनट तक।
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पितृ पक्ष में मृत माताओं का श्राद्ध नवमी के दिन होता है। यह तिथि उन सभी महिलाओं के लिए श्राद्ध कर्म करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिनकी मृत्यु किसी भी महीने की नवमी तिथि को हुई हो या जिनकी मृत्यु की तिथि पता न हो।
इस दिन किया गया श्राद्ध परिवार की सभी दिवंगत महिलाओं की आत्माओं को शांति देता है। इसके साथ ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।