कब मनाई जाएगी गोगा नवमी (सौ.सोशल मीडिया)
Goga Navmi 2025 : भारत विविधताओं वाला देश है और यह विविधता त्योहारों में भी देखने को मिलती है। आमतौर पर होली, दिवाली और रक्षाबंधन जैसे बड़े त्योहारों के बारे में सभी जानते हैं लेकिन कुछ ऐसे त्योहार भी होते हैं जो कि सीमित क्षेत्र और समुदाय के बीच मनाए जाते हैं।
आपको बता दें, उनमें से एक गोगा नवमी भी है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। यह पर्व राजस्थान का लोकपर्व है, जिसे स्थानीय भाषा में गुग्गा नवमी भी कहते हैं। इसके अलावा यह पर्व हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश के कई राज्यों में मनाया जाता है।
आपको बता दें कि हर साल भाद्रपद माह की नवमी तिथि के दिन गोगा नवमी का पर्व मनाया जाता हैं। इस साल यह पर्व 17 अगस्त को मनाया जाएगा।
बता दें, वाल्मीकि समाज के लिए बहुत ही खास और महत्वपूर्ण होता है। इस दिन विशेषतौर पर नागों का पूजन किया जाता है और महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं गोगा नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व
आपको बता दें, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 16 अगस्त को रात 9 बजकर 34 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 17 अगस्त को शाम 7 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए गोगा नवमी का पर्व रविवार, 17 अगस्त को मनाया जाएगा।
गोगा नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं और साफ-सुथरे कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा स्थल पर गोगा देव जी की मिट्टी से बनाई हुई मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद गोगा देव की पूजा में उन्हें हल्दी, चावल, रोली, वस्त्र और अन्य सामग्री अर्पित करें।
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इन दिन आप उन्हें भोग के रूप में खीर, चूरमा और गुलगुले (पुए) आदि का भोग लगाएं। साथ ही गोगा देव जी के घोड़े को मसूर की दाल का भोग लगाएं। अंत में गोगा जी कथा का पाठ करें और उनकी आरती करें। सभी लोगों में प्रसाद बांटें। इसके साथ ही रक्षाबंधन पर बांधी गई राखी को इस दिन गोगा देव की अर्पित करने का भी विधान है।
श्री गोगा नवमी, राजस्थान का लोकपर्व है, जिसे स्थानीय भाषा में गुग्गा नवमी भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि है गोगादेव जी के पास नागों को वश में करने की शक्ति थी।
ऐसे में जो भी साधक गोगा नवमी पर गोगा देव की पूजा करता है, तो उसे सांप के डसने का डर नहीं रहता। साथ ही श्री गोगादेव की पूजा से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का भी वास बना रहता है।