सीमा कुमारी
नई दिल्ली: ‘गोगा नवमी’ (Goga Navami) वाल्मीकि समाज का मुख्य त्योहार है। इस साल यह नवमी (Goga Navami 2023) 8 सितंबर 2023, शुक्रवार को मनाई जाएगी। वाल्मीकि समाज में गोगादेव का एक महत्वपूर्ण स्थान है और उनके जन्मदिन को गोगा नवमी के तौर पर मनाया जाता है। यह पावन पर्व खासतौर पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में मनाया जाता है। राजस्थान का यह लोकपर्व है, इसलिए वहां इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
यह पर्व श्रावणी पूर्णिमा से आरंभ होता है और 9 दिनों तक चलता है। इस पर्व को शहरों व गांवों में पूरी भक्ति, श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। आइए जानें साल 2023 में गोगा नवमी की पूजा मुहूर्त और महत्व.
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि 7 सितंबर 2023 को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 8 सितंबर 2023 को शाम 5 बजकर 30 मिनट पर इसका समापन होगा।
सुबह का मुहूर्त – सुबह 7.36 – सुबह 10.45
दोपहर का मुहूर्त : दोपहर 12.19 – दोपहर 1.53
शाम का मुहूर्त : शाम 5.01 – शाम 6.35
‘गोगा नवमी’ के दिन सांपों का पूजन किया जाता है। इस दिन सुबह स्नान आदि कर भोग का खाना बनाएं जाते हैं। भोग के लिए खीर, चूरमा और गुलगुले बनाए जाते हैं। फिर, महिलाएं वीर गोगा जी की मिट्टी से मूर्ति बनाकर उनकी पूजा करती है और उन्हें भोग लगाती हैं। कई स्थानों पर गोगा देव की घोड़े पर चढ़ी हुई मूर्ति का पूजन किया जाता है। इस दिन घोड़े को दाल खिलाई जाती है। मान्यता है कि, रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई को जो राखी बांधती हैं वह गोगा नवमी के दिन खोलकर गोगा देव को अर्पित की जाती है। साथ ही उनसे रक्षा की प्रार्थना की जाती है।
राजस्थान में ‘गोगा नवमी’ का विशेष महत्व है हालांकि मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में भी इसे मनाया जाता है। कथा के अनुसार, यहां गोगाजी को सांपों का देवता भी कहा जाता है और इस रुप में इन्हें पूजा भी जाता है। कहते हैं गोगादेव की पूजा से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है। गोगादेव के पास नागों को वश में करने की शक्ति थी, इनकी पूजा से सर्प के डसने का भय नहीं रहता। इन्हें गुरु गोरखनाथ का परम शिष्य भी माना जाता है। इसे गुग्गा नवमी भी कहते हैं।