नवरात्रि में कन्या न मिले तो क्या करें जानिए (सौ.सोशल मीडिया)
Kanya Pujan without Kanya: शारदीय नवरात्रि का दौर जारी है। वही कन्या पूजन के साथ इस महापर्व का समापन हो जाएगा। शारदीय नवरात्र में अष्टमी और नवमी पूजा का विशेष महत्व है, इन दोनों शुभ तिथियों में कन्या पूजन की विशेष परंपरा है। जहां छोटी कन्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप मानकर पूजा जाता है और उन्हें भोग लगाया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 9 कन्या और 1 लांगूर होना शुभ माना जाता है। हालांकि इतनी सारी कन्याएं मिलना भीं थोड़ा मुश्किल होता है। कई बार आसपास इतनी छोटी बच्चियां होती नहीं हैं, और आजकल तो सेफ्टी के लिहाज से भी कई लोग बच्चियों को कहीं भेजने से भी कतराते हैं। ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि अब नवरात्रि का व्रत कैसे पूरा करें? चलिए हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि में कन्या न मिलने पर क्या करें।
अगर आपको कन्या नहीं मिल रही हैं, तो आप प्रसाद के छोटे-छोटे पैकेट बनाकर मंदिर में भी बांट सकते हैं। आमतौर पर मंदिर में कुछ कन्याएं मिल जाती हैं, उन्हें प्रसाद जरूर दें। बाकी आप मां भगवती को भोग लगाने के बाद इन्हें दूसरे लोगों में भी बांट सकते हैं।
अगर आपको कहीं बाहर कन्या नहीं मिल रही हैं, तो अपने घर-परिवार में मौजूद कन्याओं का पूजन करें। आपके रिश्तेदार, दोस्तों या आस-पड़ोस में जो भी दो-चार कन्या आपको मिलती हैं, उन्हें ही विधिवत रूप से भोज करा दें।
अगर आपके घर में कोई हाउस हेल्प हैं, ड्राइवर हैं या सिक्योरिटी गार्ड हैं, तो उनके बच्चों को भी आमंत्रित कर सकते हैं।
नवरात्रि में कन्या पूजन के बाद कन्याओं को श्रृंगार का सामान, कपड़े यानी चुनरी इसके अलावा पढ़ाई का सामान मिठाई और दक्षिणा आदि दान करना शुभ होता है। दान करते समय अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि इन उपहारों से देवी मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों को आशीर्वाद बनाए रखती हैं।
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अष्टमी कन्या पूजन मुहूर्त- 30 सितंबर को सुबह 9:00 बजे से लेकर दोपहर 01:30 बजे तक रहेगा।
नवमी कन्या पूजन मुहूर्त- 1 अक्टूबर को सुबह 8:06 मिनट से दोपहर 2:09 मिनट तक रहेगा।