
उड्डपी का प्राचीन श्रीकृष्ण मंदिर (सौ. सोशल मीडिया)
Udupi Sri Krishna Temple: भारत में कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर स्थित है जो अपनी किसी न किसी विशेषता के लिए जाने जाते है। कर्नाटक के उड्डपी शहर में स्थित श्री कृ्ष्ण मंदिर के बारे में जानते है आप, यह मंदिर अपनी अनोखी मान्यताओं के लिए जाना जाता है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि, इस मंदिर में स्थित भगवान भक्तों की इच्छाओं का मान रखते है।
कहते हैं जब कोई नहीं सुनता तब भगवान सुनते हैं और सहायता के लिए आते हैं। इस मान्यता को कर्नाटक के उडुपी शहर में बना श्री कृष्ण मंदिर पूरा करता है। माना जाता है कि यहां भक्त की करुण पुकार को सुनकर भगवान ने मंदिर की दीवार तोड़ दी थी और खुद को 180 डिग्री पर घुमा लिया था। ये मंदिर भक्त की भक्ति और भगवान की उदारता का प्रतीक है। दरअसल उडुपी शहर में श्री कृष्ण मठ के अंदर श्री कृष्ण मंदिर स्थित है। इस मंदिर की खासियत को लेकर यहां पर भक्तों के दर्शन करने का तरीका अलग है। यहां भक्त गर्भगृह में जाकर भगवान के दर्शन नहीं करते, बल्कि एक नौ छिद्रों वाली खिड़की से भगवान को निहारते हैं।
भक्तों को ऐसा लगता है कि स्वयं भगवान कृष्ण मंदिर की खिड़की से उन्हें निहार रहे हैं। इस खिड़की को “नवग्रह कीटिका” भी कहा जाता है और इसे चांदी से बनाया गया है। भक्त झरोके से देखकर भगवान का अद्भुत दर्शन करते हैं।
कर्नाटक का विचित्र मंदिर (सौ.सोशल मीडिया)
आगे की कथा में कहा जाता है कि, कनकदास की पुकार सुनकर भगवान श्री कृष्ण खुद को रोक नहीं पाए और गर्भगृह में खुद को 180 डिग्री घुमाकर मंदिर की दीवार तोड़ दी। माना जाता है कि दीवार में एक बड़ी सी दरार पड़ी और झरोका बन गया। स्वयं भगवान को अपने सामने देखकर कनकदास उनके चरणों में गिर पड़े। जब ये बात मंदिर के पुजारियों को पता चली तो उन्होंने कनकदास से माफी मांगी। इसी दिन से भक्त भगवान के गर्भगृह में जाकर नहीं, बल्कि झरोके से दर्शन करते हैं। इस झरोके को कनकदास का झरोका भी कहा जाता है। बाद में कनकदास के तमिल भजन बहुत प्रचलित हुए और आज भी उन्हें गाया जाता है।
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बता दें, यह मंदिर चमत्कार में तो अव्वल है। इस मंदिर में हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दर्शन के लिए पहुंचे थे और मठ के अंदर बने कई मंदिरों के दर्शन किए थे। आप भी इस चमत्कारी मंदिर आ सकते है।
आईएएनएस के अनुसार






