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आज है ‘काल भैरव जयंती’, असितांग भैरव, रूद्र भैरव और बटुक भैरव स्वरूप की महिमा जानिए

Kaal Bhairav Jayanti 2025: हर साल भगवान शिव के उग्र स्वरूप भैरव का जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में काल भैरव जयंती मनाई जाती है। कहा जाता है कि भैरव अष्टमी का व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Nov 12, 2025 | 12:31 PM

ये रहने वाला है कालाष्टमी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त (सौ.सोशल मीडिया)

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Kaal Bhairav Jayanti date and time : आज बुधवार, 12 नवंबर को काल भैरव जयंती मनाई जा रही है। यह जयंती सनातन धर्म में खास महत्व रखता है। यह पर्व हर साल अगहन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर काल भैरव देव की विशेष पूजा की जाती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तंत्र साधना खासकर शिव की तंत्र साधना में भैरव का विशेष महत्व होता है। वैसे तो, भैरव जी भगवान शिव का रौद्र रूप है, लेकिन कहीं कहीं पर इन इनको शिव का पुत्र भी माना जाता है।

इसके अलावा, मान्यता ऐसी भी है कि जो कोई भी शिव जी के मार्ग पर चलता है उसे भी भैरव कहा जाता है। साथ ही, इनकी पूजा करने से शनि और राहु की बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है।

ये रहने वाला है कालाष्टमी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर 2025, मंगलवार की रात 11 बजकर 9 मिनट पर हो चुकी है और यह तिथि 12 नवंबर 2025 यानी आज रात 10 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी।

विजय मुहूर्त : दोपहर 1 बजकर 53 मिनट से 2 बजकर 36 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त : सायं 5 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 55 मिनट तक

ऐसे करें भगवान भैरव की पूजा

ज्योतिषयों के अनुसार, काल भैरव जयंती के दिन संध्याकाल में भैरव जी की पूजा की जाती है। इनके सामने एक बड़े से दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। फिर, उड़द की बनी हुई या दूध की बनी हुई वस्तुएं प्रसाद के रूप में दें। प्रसाद अर्पित करने के बाद भैरव जी के मंत्रों का जाप करें।

जानिए भगवान भैरव के सभी रूपों की महिमा

हिंदू शास्त्रों में भगवान भैरव के तमाम स्वरूप बताए गए हैं- असितांग भैरव, रूद्र भैरव, बटुक भैरव और काल भैरव आदि।

बटुक भैरव और काल भैरव की पूजा और ध्यान सर्वोत्तम है। बटुक भैरव भगवान का बाल रूप हैं, इन्हें आनंद भैरव भी कहते हैं। इस सौम्य स्वरूप की आराधना शीघ्र फलदायी होती है। वहीं, काल भैरव इनका साहसिक युवा रूप हैं।

ये भी पढ़ें–‘काल भैरव जयंती’ के दिन अपनी राशि के अनुसार भगवान शिव का अभिषेक, दूर होंगे सारे कष्ट!

कहा जाता है कि इनकी आराधना से शत्रु से मुक्ति, संकट, कोर्ट- कचहरी में विजय मिलती है। वहीं, असितांग भैरव और रूद्र भैरव की उपासना अति विशेष हैं। जो मुक्ति मोक्ष और कुंडलिनी जागरण के दौरान प्रयोग की जाती है।

Today is kaal bhairav jayanti

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Published On: Nov 12, 2025 | 12:31 PM

Topics:  

  • Kaal Bhairav
  • Lord Shiva
  • Religion

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