दशहरा के दिन करें ये 3 चमत्कारी उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Dussehra Ke Upay: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा का महापर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन पूरे देश भर में मनाया जाता है। जोकि इस बार 2 अक्टूबर 2025 को है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, इस दिन रावण दहन की परंपरा है और रावण के साथ ही उसके भाई कुंभकरण व बेटे मेघनाथ का भी पुतला जलाया जाता है।
आपको बता दें, हर साल मनाया जाने वाला दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और सिखाता है कि व्यक्ति को अपने भीतर की बुराइयों को खत्म करके अच्छाई का मार्ग अपनाना चाहिए।
कहा जाता है कि दशहरा के दिन कुछ उपाय करने से जीवन में सुख-शांति आती है और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा यदि जाने-अनजाने में आपसे कोई गलती हो गई है और आप अपराधबोध उससे ग्रसित हैं, तो दशहरा के दिन प्रायश्चित कर सकते हैं। प्रायश्चित के लिए दशहरा के दिन ये 3 उपाय जरूर करने चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आपसे कोई गलती हो गई है और आप अपराधबोध महसूस कर रहे हैं तो इससे राहत पाने के लिए दशहरे के दिन मां काली के सामने बैठकर उनका ध्यान करें।
मां काली के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उस तेल में 11 तिल के दाने डालें। इसके बाद मां काली से अपनी गलती के लिए क्षमायाचना करें।
मान्यता है कि ऐसा करने से गलती की माफी भी मिलती है और मां काली की कृपा होती है।
अगर आप किसी गलती की माफी चाहते है तो दशहरा यानि विजयदशमी के दिन पूजा के बाद कोई भी पौधा घर लेकर आएं और उसकी नियमित तौर पर देखभाल करें।
कहते हैं पौधे के साथ अपने मन की तकलीफ या उलझन को शेयर करने से मन हल्का होता है। जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है कि आपकी तकलीफ कम होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
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आपको किसी गलती से वजह से टेंशन हो रही है तो दशहरा के दिन शाम को आटे का चारमुखी दीपक बनाएं। इस दीपक को शमी के पौधे के नीचे रखकर जलाएं। एक बात का खास ध्यान रखें कि ऐसा करते वक्त कोई आपको टोके नहीं और न ही दीपक जलाते समय पीछे मुड़कर देखें। कहते है इन सभी उपायों को करने से जाने अनजाने में हुई गलतियों से मुक्ति मिल जाती है।