साल की आखिरी पूर्णिमा पर भद्रा का साया (सौ.सोशल मीडिया)
Margashirsha Purnima 2025: यूं तो पूर्णिमा तिथि सनातन धर्म में एक खास महत्व रखता है। लेकिन जब पूर्णिमा तिथि अगहन मास में पड़ती है उसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से संपन्न होकर वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि, जो व्यक्ति इस दिन चंद्र देव और लक्ष्मी-विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। उनके जीवन के तमाम कष्ट दूर हो जाते है और ऐसे लोगों का जीवन सदैव खुशहाल रहता है। हालांकि, इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भद्रा का साया भी रहने वाला है। इसलिए दान-स्नान के शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें-
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, इस वर्ष, मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि 4 दिसंबर को सुबह 8 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर 5 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। ऐसे में पूर्णिमा तिथि का व्रत 4 दिसंबर को रखा जाएगा। ज्योतिष गणना के अनुसार, इस दिन सुबह में 8 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 41 मिनट तक भद्रा का साया भी रहने वाला है।
बताया जा रहा है कि, मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला भद्रा का साया स्वर्ग लोक में रहने वाला है। इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर इसका कोई दुषप्रभाव नहीं होगा। आप बेफिक्र होकर किसी भी समय स्नान, दान पूजा-पाठ कर सकते हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा यानी 4 दिसंबर की सुबह 4:19 बजे से सुबह 4:58 बजे ब्रह्म मुहूर्त रहेगा। इस शुभ घड़ी में आप किसी पवित्र घाट पर जाकर स्नान कर सकते हैं। आप चाहें तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं और अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा कर सकते हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:32 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। यदि आप दोपहर के समय पूजा-पाठ या कोई धार्मिक अनुष्ठान करना चाहते हैं, तो इस शुभ मुहूर्त में कर सकते हैं। कहते हैं कि इस शुभ घड़ी में किए गए कार्यों के सफल होने की संभावना अत्यधिक होती है। आप दान आदि से जुड़े कार्य भी इस मुहूर्त में कर सकते हैं।
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मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु रात 11:45 बजे से रात 12:39 बजे तक निशीथ काल की पूजा होगी। इस शुभ घड़ी में मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की संयुक्त पूजा बहुत ही लाभकारी मानी जाती है। कहते हैं, निशीत काल में लक्ष्मी-विष्णु के अलावा आप कुछ दिव्य उपाय या उनके मंत्रों का जाप करेंगे तो बहुत उत्तम हो सकता है।