लालबाग के राजा ( फोटो सोर्स एएनआई)
देशभर में 10 दिवसीय गणेशोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। वैसे तो, गणेश उत्सव पूरे देश में ही बड़ी धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया जाता है, लेकिन, महाराष्ट्र में इसकी अलग ही रौनक देखने को मिलती है। ‘लालबाग का राजा’(Lalbaugcha raja) मुंबई का सबसे अधिक लोकप्रिय सार्वजनिक गणेश मंडल है।
देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी भक्त यहां बप्पा के दर्शनों के लिए आते हैं। आम लोगों के साथ-साथ कई सेलिब्रिटी भी यहां शीश झुकाने आते हैं। ऐसा माना जाता है कि लाल बाग के राजा दर्शन करने वालों की हर मनोकामना पूरी होती है।
जानकारों के अनुसार, लाल बाग के राजा सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में चिंचपोकली में हुई थी। यह मुंबई के लालबाग, परेल इलाके में स्थित हैं। मंडल का गठन उस युग में हुआ जब देश में स्वतंत्रता संघर्ष अपने पूरे चरम पर था। इस पांडाल की भव्यता देखकर उस समय भी सभी की नजरें लालबाग के राजा पर ही होती थी। देश आजाद होने के बाद इसकी भव्यता और भी बढ़ती गई। धीरे-धीरे इसकी प्रसिद्धि पूरे देश में फैल गई।
यहां लंबे समय से बप्पा की मूर्ति कांबली परिवार के सदस्य बना रहे हैं। यह परिवार पिछले 89 सालों से अपने हाथों से भगवान गणेश की प्रतिमा बना रहा है।
20 फीट ऊंची गणपति की प्रतिमा बनाने का यह हुनर इनकी दूसरी पीढ़ी से अब तीसरी पीढ़ी तर पहुंच गया है। फिलहाल परिवार की तीसरी पीढ़ी प्रतिमा बना रही है।
यह भी पढ़ें- गणेशोत्सव के पहले ही दिन लालबाग के राजा को चढ़ा करोड़ों का चढ़ावा, दर्शन के लिए लगा भक्तों का तांता
मान्यता है कि लाल बाग के राजा से भक्त सच्ची श्रद्धा से जो भी मांगते हैं, वो मनोकामना जरूर पूरी होती है। इसलिए इन्हें मन्नतों का राजा या मन्नतों का गणेश भी कहते हैं। यही कारण है कि गणेश उत्सव के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ लगता है। भक्त यहां कई घंटों तक दर्शन के लिए लंबी कतारों में लगते रहे हैं। दर्शन की ये कतारें कई किलोमीटर लंबी होती हैं।
यह भी पढ़ें- गणेश जी के बड़े पेट की कथा जान मुस्कुरा देंगे आप, जानें जीवन में लम्बोदर होने का गुण क्यों है जरूरी
धार्मिक कार्यों के अलावा लालबाग का मंडल सामाजिक कामों में भी आगे है। ये मंडल चैरिटी के माध्यम से अनेक लोगों की मदद भी करता है। इस मंडल के अपने कई अस्पताल और एंबुलेंस हैं जहां गरीब लोगों का उपचार मुफ्त किया जाता है। इसके अलावा, देश में जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो लालबाग का मंडल खुले दिल से आर्थिक सहायता भी करता है। यही कारण है कि लोग भी यहां खुले हाथों से दान करते हैं।
लेखिका- सीमा कुमारी