बगोई माता का मंदिर (सौ. सोशल मीडिया)
Bagoi Mata Temple in Hindi: शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है। जहां पर आज माता दुर्गा के दूसरे स्वरूप माता ब्रम्हचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन माता ब्रम्हचारिणी की विधि के साथ पूजा करने का विधान होता है तो वहीं पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के समय उन्हें शक्कर, मिश्री, खीर, पंचामृत अर्पित की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी तप की देवी हैं इसलिए जो भी भक्त कठिन साधना माता की करते है उन्हें मनवांछित फल मिलते है। साधकों पर माता की कृपा बरसती है और सभी दुख दूर हो जाते है। वैसे माता ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए कई समर्पित मंदिर है लेकिन बगोई माता मंदिर सबसे खास मंदिर है। यहां की परंपरा खास होती है।
मध्यप्रदेश में देवास जिले के बेहरी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर माता ब्रह्मचारिणी का यह बगोई माता मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि, धार्मिक मत है कि बगोई माता के मंदिर से कोई खाली हाथ नहीं लौटता है। साधक की सभी मनोकामनाएं माता की कृपा से पूर्ण होती हैं। कहा जाता है कि, बगोई माता मंदिर में भक्त बड़ी संख्या में दूर-दूर से आते है। कहते है कि, इस मंदिर में दर्शन के लिए जो भक्त आता है वह खाली हाथ नहीं लौटता है। दूर-दूर से श्रद्धालु बगोई माता के दरबार पर हाजिरी एवं अर्जी लगाने आते हैं। एक बार मनोकामना पूर्ण होने के बाद बगोई माता को मिश्री, मेवा और पंचामृत का भोग लगाते हैं। इस मंदिर में बगोई माता को कद्दू का भोग भी लगाया जाता है।
बगोई माता मंदिर में जहां पर माता को कद्दू का भोग लगाया जाता है वहीं पर दूध, घी, गुड़ और पंचामृत भी अर्पित की जाती है। कहते है कि, माता को कद्दू का भोग लगाने से बगोई माता खुश होती है वहीं पर भक्तों पर कृपा बरसाती है। बगोई माता की कृपा से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। इसके अलावा साधक मनोकामना पूर्ति हेतु या मनोकामना पूर्ण करने के लिए मंदिर में आते है। कहते हैं कि, इस मंदिर की भभूति से सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
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इस प्रसिद्ध मंदिर बगोई माता मंदिर में दर्शन करने आने के लिए भक्त आसानी से पहुंच सकते है। इसके लिए बेहरी से बगोई माता मंदिर तक साधक को नंगे पांव जाना होता है। बगोई माता का मंदिर बेहरी क्षेत्र के वन में स्थित है। साधक फ्लाइट से देवास पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, ट्रेन के जरिए भी देवास जा सकते हैं। देवास से सड़क मार्ग के जरिए बेहरी जा सकते हैं। नवरात्र के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बगोई माता के दर्शन हेतु देवास पहुंचते हैं।