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पौष महीने में भूलकर भी न करें ये 5 काम! वरना, वंचित रह जाएंगे मनोवांछित फलों की प्राप्ति से

Paush month restrictions: धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से पौष का महीना सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। जानिए इस मास में पुण्य की प्राप्ति और पाप से बचने के लिए क्या करना और क्या नहीं?

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Dec 11, 2025 | 08:22 PM

पौष मास में गलती से भी न करें ये 5 काम (सौ.सोशल मीडिया)

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Paush Month 2025 Rules: धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से पौष का महीना सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस महीने की शुरुआत 5 दिसंबर 2025 से हो चुकी है। जो आगामी 03 जनवरी 2026 तक रहेंगी। इस महीने में सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास की शुरुआत होती है।

हिंदू लोक मान्यता के अनुसार, पौष में स्नान-दान और सूर्य नारायण की साधना करने पर व्यक्ति को सुख-सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस मास में पुण्य की प्राप्ति और पाप से बचने के लिए क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए?

पौष मास में गलती से भी न करें ये 5 काम

  • मांगलिक कार्य न करें

शास्त्रों के अनुसार, पौष मास में ही सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास की शुरुआत होती है, ऐसे में इस दौरान भूलकर भी मांगलिक कार्य जैसे शादी, मुंडन, जनेउ आदि न करें।

  • नमक का अधिक सेवन

कहा जाता है कि, पौष में नमक का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार बैंगन, मूली, मसूर की दाल आदि का सेवन करने से भी बचना चाहिए।

  • तामसिक भोजन न करें

धार्मिक एवं लोक मान्यता के अनुसार, पौष में पुण्य की कामना रखने वालों को तामसिक चीजों से दूरी बनाए रखना चाहिए। ऐसे में इस पावन मास में भूलकर भी मांस-मंदिरा या फिर किसी अन्य नशे की चीज सेवन न करें।

पौष मास में इन कार्यों को करना बड़ा शुभ

पौष मास में सूर्य उपासना का महत्व

पौष मास में सूर्य देव की उपासना से व्यक्ति को स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु का वरदान मिलता है। ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि सूर्य की किरणों में सेहत का खजाना छिपा है। नियमित रूप से सूर्य देव को जल अर्पित करने से व्यक्ति पूरे साल स्वस्थ और संपन्न रहता है।

सूर्य देव को अर्घ्य देने के नियम

सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए तांबे के पात्र का उपयोग करें। जल में रोली और लाल फूल डालें और ओम आदित्य नमः मंत्र का जाप करें। जल अर्पित करते समय सूर्य देव के दर्शन करें और मन में उनके मंत्रों का उच्चारण करें और सूर्य की लालिमा रहते हुए ही अर्घ्य दें।

ये भी पढ़े:–पौष पुत्रदा एकादशी के शुभ दिन बिल्कुल न करें ये गलतियां, वरना कंगाली का बड़ा खतरा!   

पितरों और भगवान विष्णु की पूजा

पौष मास में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म करना शुभ माना जाता है। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा भी इस महीने में विशेष फलदायी होती है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में की गई पूजा पूरे साल के पुण्य के बराबर होती है।

Paush month surya sadhana avoid these 5 mistakes

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Published On: Dec 11, 2025 | 08:22 PM

Topics:  

  • Paush Month
  • Religion

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