पौष अमावस्या पर करें ये महाउपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Paush Amavasya significance : 19 दिसंबर को इस साल की आखिरी अमावस्या यानी पौष अमावस्या मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में पौष अमावस्या को अत्यंत पवित्र तिथि माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से पितरों को समर्पित है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पितृ लोक से पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिषयों के अनुसार, इस साल पौष अमावस्या पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पौष अमावस्या के दिन कुछ विशेष उपाय करने से न केवल पितरों की कृपा मिलती है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी आती है इस दिन पितरों के तर्पण, पिंडदान, दान-पुण्य और पूजा-पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता इस दिन पितरों के तर्पण, पिंडदान, दान-पुण्य और पूजा-पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता हैं।
पौष अमावस्या के दिन प्रातःकाल पवित्र नदी, सरोवर या किसी पवित्र स्थल पर स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि नदी तक जाना संभव न हो तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है। स्नान के बाद पितरों का तर्पण दक्षिण दिशा की ओर मुख करके करना शुभ फलदायी माना गया है।
ज्योतिषयों के अनुसार, अमावस्या के दिन दीपदान का विशेष महत्व होता है। घर के पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाने से पितृ दोष को शांत होने के साथ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दीपक जलाने के बाद पितरों के नाम से पूजा और प्रार्थना करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पौष अमावस्या के दिन शांत स्थान पर दीपक जलाकर थोड़ा सा भोजन या मिठाई अर्पित करना चाहिए। यह उपाय करने के बाद घर लौटते समय पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से पितृ दोष शांत होता है और जीवन में भाग्य का सहारा मिलता है। इस प्रक्रिया से आर्थिक, पारिवारिक और मानसिक बाधाओं से मुक्ति मिलने का भी विश्वास है।
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कहा जाता है कि, इस दिन दान-पुण्य और आस्था से किया गया यह उपाय आपकी बंद किस्मत का दरवाजा खोल सकता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।