सावन शिवरात्रि (सौ.सोशल मीडिया)
Sawan Shivratri 2025: शिव भक्तों के लिए सावन शिवरात्रि बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस साल यह शिवरात्रि का पर्व 23 जुलाई को मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं और उन्हें उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। शिव जी की कृपा जिन लोगों पर होती है, उनके जीवन में कभी भी सुख समृद्धि की कमी नहीं होती है।
ज्योतिषयों के मुताबिक, इस दिन न केवल व्रत और शिव पूजन किया जाता है बल्कि शिवलिंग का विभिन्न चीजों से अभिषेक भी शिव भक्त करते हैं। इन्हीं में से एक बेलपत्र भी है जो भगवान शिव को अतिप्रिय है। इसलिए सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर आपको बेलपत्र तो चढ़ाना ही चाहिए, साथ ही एक विशेष मंत्र का भी जप करना चाहिए। आज हम आपको इसी मंत्र के बारे में जानकारी देंगे।
शिवलिंग पर आपको हमेशा 3, 5, 7 या 11 की संख्या में बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। साथ ही नीचे दिए गए मंत्र का जप आपको करना चाहिए।
मंत्र- ‘त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम्। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्।’
इस मंत्र का अर्थ है- तीन पत्तों वाले और त्रिगुणों से युक्त त्रिशूल के समान आकार वाले और तीनों लोकों के पाप को नष्ट करने वाले बेलपत्र को मैं भगवान शिव को अर्पित करता है।
इस शुभ मंत्र का जप बेलपत्र चढ़ाते समय आपको कम से कम 11 बार करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव की असीम कृपा आप पर बरसती है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस मंत्र का जप करने से भोलेनाथ आपकी सभी मनोकामनाओं को भी पूरा करते हैं।
सावन शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पहले आपको इन्हें स्वच्छ जल से साफ कर लेना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि बेलपत्र किसी भी प्रकार का छिद्र न हो पत्ते (खंडित) टूटे हुए न हों।
सूखे और मुरझाए हुए बेलपत्र चढ़ाने से भी आपको बचना चाहिए। इसके बाद शिवलिंग पर चढ़ाते समय आपको बेलपत्र की चिकनी सतह को शिवलिंग पर स्पर्श करना चाहिए।
यह भी पढ़ें:प्रेमानंद महाराज ने बताया, किन 5 उपायों को अपनाने से टल जाती है अकाल मृत्यु
यानि बेलपत्र इस तरह से चढ़ाएं कि उसका डंठल आपकी ओर हो। बेलपत्र 3, 5, 7 या 11 की संख्या में ही शिवलिंग पर चढ़ाएं। बेल पत्र चढ़ाते समय आपको भगवान शिव के ऊपर बताए गए मंत्र का जप करना चाहिए। अगर इस मंत्र का जप न कर पाएं तो ‘ॐ नमः शिवाय’ का तो कम से कम आपको जप करना ही चाहिए।