क्यों बच्चों को पहनाए जाते है पुराने कपड़े। (सौ. AI)
Purane Kapde Benefits For Newborn Baby: भारत में बच्चे का जन्म पूरे परिवार के लिए खुशियों का महासागर लेकर आता है। इसी पल से जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती हैं खासतौर पर नवजात की सेहत और देखभाल को लेकर। भारतीय परिवारों में एक सलाह पीढ़ियों से चली आ रही है कि जन्म के बाद कुछ दिनों तक शिशु को पुराने कपड़े ही पहनाने चाहिए। यह परंपरा सिर्फ एक मान्यता नहीं बल्कि विज्ञान और स्वास्थ्य दोनों से जुड़ी हुई है।
देश के अधिकतर घरों में नवजात को बड़े भाई-बहन या किसी करीबी के पुराने कपड़े ही पहनाए जाते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसका मकसद बच्चे को आराम और सुरक्षा प्रदान करना है। पुराने कपड़ों का इस्तेमाल केवल मान्यताओं पर आधारित नहीं, बल्कि यह शिशु की नाजुक त्वचा और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता को ध्यान में रखकर किया जाता है।
नए कपड़े कई बार धुलने के बाद ही मुलायम होते हैं, जबकि पुराने कपड़े पहले से ही हल्के, नरम और त्वचा पर सौम्य असर डालने वाले हो जाते हैं। नवजात की त्वचा बेहद नाजुक होती है, ऐसे में नए कपड़ों की कठोरता से “रैशेज”, “इचिंग” या जलन हो सकती है। वहीं पुराने कपड़े बच्चे को बिना किसी परेशानी के आराम देते हैं।
अक्सर बड़े लोग और बच्चे नए कपड़े बिना धोए पहन लेते हैं, लेकिन नवजात के लिए यह बड़ा जोखिम हो सकता है। नए कपड़ों पर अदृश्य वायरस, बैक्टीरिया या केमिकल मौजूद हो सकते हैं, जो शिशु की कमजोर इम्यूनिटी पर असर डालकर उसे बीमार कर सकते हैं। इसी वजह से परिवार बच्चे के जन्म से पहले ही कुछ पुराने कपड़ों को अच्छी तरह धोकर और धूप में सुखाकर रख देते हैं ताकि वे पूरी तरह सुरक्षित रहें।
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भारत में पुराने कपड़े पहनाने की यह परंपरा वास्तव में नवजात की सुरक्षा और आराम से जुड़ी एक वैज्ञानिक आदत है, जो हर नए माता-पिता को समझनी चाहिए।