क्यों है शुभ सावन महीने में चंद्रमा को अर्घ्य देना (सौ.सोशल मीडिया)
Sawan 2025 : शिव अराधना का पावन महीना सावन चल रहा है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित होने के साथ-साथ प्रकृति और दिव्य ऊर्जा से जुड़ने का भी एक शुभ अवसर भी है। इस पवित्र महीने में शिव भक्ति के साथ-साथ चंद्रमा को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व होता है।
जिसे ज्योतिष और अध्यात्म दोनों में ही भाग्य बदलने वाला माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं कैसे चंद्रमा को अर्घ्य देने से आपके सारे काम आसान हो सकते हैं और आपकी तकदीर चमक सकती है।
ज्योतिषयों के अनुसार, सावन में भगवान शिव की पूजा का विधान है और चंद्रमा भगवान शिव के मस्तक पर सुशोभित है। इस महीने में शिव-पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है, और चंद्रमा को अर्घ्य देना सीधे तौर पर शिवजी को प्रसन्न करने के समान माना जाता है। सावन की हरी-भरी प्रकृति और सकारात्मक ऊर्जा चंद्रमा की किरणों को और भी शक्तिशाली बनाती है, जिससे अर्घ्य देने का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
ज्योतिषयों के अनुसार, चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए शाम के समय, जब चंद्रमा उदय हो जाए, अर्घ्य देना सबसे शुभ होता है। एक तांबे या चांदी के लोटे में शुद्ध जल लें। इसमें थोड़ा दूध, चावल, मिश्री और सफेद फूल मिला लें।
फिर चंद्रमा यानी चाँद के सामने खड़े होकर, दोनों हाथों से लोटे को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे जल की धारा चंद्रमा को अर्पित करें। अर्घ्य देते समय ‘ॐ सों सोमाय नमः’ या ‘ॐ चंद्राय नमः’ मंत्र का जाप करें। अर्घ्य देते समय मन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का भाव रखें। अपनी मनोकामनाएं मन ही मन दोहराएं।
आपको बता दें, सावन में सोमवार के दिन, पूर्णिमा, श्रावणी अमावस्या और रक्षाबंधन से पहले के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना विशेष फलदायी माना गया है। विशेष रूप से सावन सोमवार की रात को यह उपाय करना बहुत ही शुभ होता है।
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ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन, भावनाएं, माता, मानसिक शांति, सुख और धन का कारक माना गया है। हमारी कुंडली में चंद्रमा की स्थिति हमारे विचारों, भावनात्मक स्थिरता और समग्र भाग्य पर गहरा प्रभाव डालती है।
यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर या पीड़ित हो, तो व्यक्ति को मानसिक अशांति, निर्णय लेने में कठिनाई, स्वास्थ्य समस्याएं और धन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।