द्वादशी के दिन तुलसी तोड़ना अशुभ (सौ.सोशल मीडिया)
Premanand Maharaj Ekadashi:धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से तुलसी के पौधे को बेहद पूजनीय माना जाता हैं। यह पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का प्रिय माना जाता है। वास्तु-शास्त्र में भी तुलसी के पौधे को घर में लगाने के फायदे बताए गए हैं। लेकिन, तुलसी पूजा के कुछ जरूरी नियम भी हैं।
खासतौर से रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाने की मनाही है। ऐसे में एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि क्या एकादशी के दिन तुलसी तोड़ना या उन पर जल चढ़ाना सही है? आइए जानते हैं एकादशी पर तुलसी तोड़ने को लेकर प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा।
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि, तुलसी पौधा धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। तुलसी के दर्शन, स्पर्श, पूजन व सेवन से मन और वाणी के साथ शरीर के कई पाप भी मिट जाते हैं। तुलसी की मंजरी यदि भगवान के चरणों में अर्पित की जाए, तो उस व्यक्ति का कल्याण होता है। प्रेमानंद जी कहते हैं कि एकादशी के दिन तुलसी तोड़ना या तुलसी में जल अर्पित करना शुभ होता है। ऐसा करने से व्यक्ति को किसी तरह का कोई पाप नहीं लगता।
प्रेमानंद जी आगे कहते हैं कि, एकादशी के दिन तुलसी तोड़ना या तुलसी में जल अर्पित करना शुभ होता है। ऐसा करने से व्यक्ति को किसी तरह का कोई पाप नहीं लगता। लेकिन, एक बात खास ध्यान रखें कि एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी के दिन ऐसा करना मना होता है।
द्वादशी के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ना अशुभ माना गया है और ऐसा करना ब्रह्म हत्या के समान माना जाता है। इस दिन तुलसी को स्पर्श करने से भी पाप लगता है।
एकादशी के दिन तुलसी का पूजन करना महत्वपूर्ण माना गया है। कहते हैं कि भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है और तुलसी के बिना विष्णु जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। इस दिन तुलसी में जल अर्पित करें और परिक्रमा लगाएं।
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फिर शाम के समय तुलसी में घी का दीपक जलाएं। प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि तुलसी की पूजा व सेवा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।