आज से शुरू हुआ साल का आखिरी पंचक (सौ.सोशल मीडिया)
Last Panchak of 2025:हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करते समय शुभ व अशुभ मुहूर्त जरुर देखा जाता है और खासकर अच्छे कामों के लिए चौघड़िया मुहूर्त देखा जाता है जिसे शुभ मुहूर्त मानते हैं। वही, साल 2026 की शुरुआत होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, लेकिन नए साल के आगमन से पहले दिसंबर महीने में एक बार फिर पंचक लगने जा रहा है।
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार साल के आखिरी पंचक की शुरुआत आज 24 दिसंबर 2025, बुधवार की शाम को 07:46 बजे से होगी। अगले पांच दिनों तक लगने वाला यह पंचक 29 दिसंबर 2025, सोमवार की सुबह 07:41 बजे खत्म होगा।
ज्योतिषयों के मुताबिक, पंचक के दौरान किए गए कुछ कार्य व्यक्ति के जीवन में परेशानी, नुकसान और तनाव बढ़ा सकते हैं। ऐसे में पंचक की सही तिथि, समय और इससे जुड़े नियमों को जानना बेहद जरूरी है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से लेकर शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करता है, तो उस अवधि को पंचक कहा जाता है। यह कुल मिलाकर लगभग पांच दिनों का समय होता है, जिसे पंचक काल माना जाता है।
पंचांग के अनुसार,पंचक की शुरुआत: 24 दिसंबर 2025, बुधवार को शाम 7 बजकर 46 मिनट से पंचक की समाप्ति: 29 दिसंबर 2025, सोमवार को सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक।इस प्रकार यह पंचक पूरे पांच दिनों तक प्रभावी रहेगा।
ज्योतिष शास्त्र में पंचक को उसके आरंभ होने वाले दिन के आधार पर अलग-अलग प्रकारों में बांटा गया है-
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार,रोग पंचक में शारीरिक और मानसिक कष्ट बढ़ सकता है।
अग्नि पंचक में नियम-कानून और सरकारी मामलों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
मृत्यु पंचक को सबसे अधिक अशुभ माना जाता है।
चोर पंचक में आर्थिक नुकसान की आशंका बनी रहती है।
हिंदू धर्म में पंचक के दौरान कुछ कार्यों को करने की सख्त मनाही मानी गई है—
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ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि, पंचक के दौरान भगवान की पूजा-पाठ, जप, ध्यान और दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है। इस समय संयम और सावधानी बरतने से पंचक के अशुभ प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।