गणेश पूजा में न करें ये गलतियां(सौ.सोशल मीडिया)
Chaturthi Religious Rules: बुधवार, 24 दिसंबर 2025 को साल की अंतिम विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा हैं। हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि बिध्नहर्ता एवं प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित है। आपको बता दें, यह इस साल 2025 की आखिरी विनायक चतुर्थी है और बुधवार का दिन भगवान गणेश को ही समर्पित है, इसलिए इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है।
मान्यता है कि, इस दिन विधि-विधान से गणेश पूजा करने से वर्ष भर की बाधाएं, आर्थिक संकट और मानसिक तनाव दूर होते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार, पूजा के दौरान की गई कुछ छोटी-सी गलतियां भी पूजा के शुभ फल को निष्फल कर सकती हैं।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। साल की अंतिम चतुर्थी पर उनकी आराधना करने से पुराने कर्ज, अधूरे काम और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इस दिन श्रद्धा से किया गया व्रत आने वाले वर्ष में सफलता और शुभता का मार्ग खोलता है।
गणेश जी को तुलसी अर्पित करना वर्जित माना गया है। पूजा में भूलकर भी तुलसी का पत्ता न चढ़ाएं।
चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखने से कलंक लगने की मान्यता है। इसलिए रात में चंद्र दर्शन करने से बचना चाहिए।
गणेश जी को हमेशा ताजे और स्वच्छ फूल ही अर्पित करें। मुरझाए या टूटे फूल पूजा का फल कम कर सकते हैं।
भगवान गणेश को मोदक, लड्डू और दूर्वा अति प्रिय हैं। बासी या तामसिक भोजन का भोग न लगाएं।
क्रोध, नकारात्मक सोच या जल्दबाजी में की गई पूजा से शुभ फल प्राप्त नहीं होते।
सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को साफ करें और गणेश जी को जल, दूर्वा, मोदक और लाल फूल अर्पित करें। “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। अंत में भगवान से भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करें।
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साल की आखिरी चतुर्थी पर श्रद्धा, संयम और सही विधि से की गई गणेश पूजा जीवन में सुख-समृद्धि लाती है। वहीं छोटी-सी लापरवाही भी पूजा के फल को प्रभावित कर सकती है। इसलिए इस पावन दिन भगवान गणेश की पूजा पूरे नियम और आस्था के साथ करें।