जीवनसाथी चुनते समय इन बातों का रखें ध्यान (सौ.सोशल मीडिया)
Chanakya Niti About Wife: आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक हैं। वह सफल अर्थशास्त्री होने के साथ राजनीतिज्ञ, कुशल रणनीतिकार और नीतिशास्त्री थे। उन्होंने अपनी जिंदगी के बेहतरीन अनुभवों के आधार पर एक ग्रंथ की रचना की, जिसे आज चाणक्य नीति के नाम से जानते हैं।
उन्होंने अपनी नीति शास्त्र में व्यक्ति के जीवन को सफल बनाने के लिए कई बातें बताई हैं, ऐसे में अगर आप इन बातों को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो इससे आपको लक्ष्य प्राप्ति में सहायता मिल सकती है।
आपको बता दें, उन्होंने केवल राज्य चलाने का ही नहीं बल्कि रिश्तों को निभाने का भी तरीका बताया है। चाणक्य नीति के मुताबिक, विवाह जीवन का सबसे अहम निर्णय होता है और इसमें गलती आपके पूरे भविष्य को प्रभावित कर सकती है। यही कारण है कि आचार्य चाणक्य ने पत्नी के चुनाव को लेकर कुछ स्पष्ट बातें कही है। आइए जानें किन 5 गुणों को देखकर ही करें जीवनसाथी का चुनाव करना चाहिए?
चाणक्य का मानना है कि जीवनसंगिनी का चुनाव केवल उसके रूप-रंग के आधार पर नहीं होना चाहिए। बाहरी सुंदरता क्षणिक होती है, लेकिन यदि उसमें गुण और अच्छे संस्कार नहीं हैं, तो पुरुष को जीवनभर कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
जीवनसाथी चुनते समय धैर्य का होना बेहद जरुरी है। धैर्य वह गुण है जो किसी भी कठिन परिस्थिति को संभाल सकता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पत्नी का धैर्यवान होना बेहद जरूरी है। यदि वह धैर्यशील है तो मुश्किल समय में भी अपने पति और परिवार के साथ खड़ी रहेगी।
चाणक्य नीति कहती है कि विवाह हमेशा संस्कारी और अच्छे कुल घराने में पली-बढ़ी कन्या से करना चाहिए। ऐसे परिवार की बेटियां गुणवान होती हैं और जीवनसाथी के धर्म और परिवार को सम्मान देती हैं। केवल सौंदर्य देखकर विवाह करना आगे चलकर पछतावे का कारण बन सकता है।
आचार्य चाणक्य कहते है कि गुस्सैल स्वभाव वाले इंसान के जीवन की खुशियों को कम कर देता है। चाणक्य के अनुसार, क्रोधी स्त्री से विवाह करना जीवन को अशांत कर देता है। शांत और सहज स्वभाव वाली पत्नी ही खुशहाल गृहस्थ जीवन की कुंजी होती है।
जीवनसाथी चुनते समय कन्या अच्छे संस्कार और धर्म विचारों से परिपूर्ण होना आवश्यक है। आचार्य चाणक्य का कहना है कि यदि स्त्री संस्कारवान है तो वही पूरे परिवार को सही दिशा में आगे बढ़ा सकती है और पति के लिए सौभाग्य लेकर आती है।
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आचार्य चाणक्य की नीतियां सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं थीं, बल्कि वे गृहस्थ जीवन को भी सुखमय बनाने का मार्ग दिखाती हैं. उनका स्पष्ट मत था कि जीवनसंगिनी का चुनाव केवल सुंदरता देखकर नहीं, बल्कि धैर्य, संस्कार, स्वभाव और गुणों को परखकर करना चाहिए. यही चुनाव विवाह को सफल और जीवन को खुशहाल बनाता है।