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श्रीगणेश विसर्जन के बाद ‘इस’ पौधे में अर्पित करें पूजा का जल, सालभर बनी रहेगी विघ्नहर्ता की कृपा

Ganesh Visarjan: गणेश विसर्जन के बाद पूजा का जल को किसी खास पौधे में डालने की परंपरा बेहद शुभ मानी जाती है। इसलिए इस अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन के बाद विसर्जन जल का सही उपयोग करना चाहिए।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Sep 05, 2025 | 10:46 PM

गणेश विसर्जन के बाद किस पौधे में पूजा का जल डालना चाहिए (सौ.सोशल मीडिया)

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Ganesh Visarjan Niyam: 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के दिन पूरे देशभर में गणेश उत्सव का समापन होगा, जिसमें विघ्नहर्ता और रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश जी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025 से शुरू हुई थी, और दस दिनों के बाद 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के साथ उत्सव का समापन हो रहा है।

कई परिवारों में यह परंपरा है कि गणपति मूर्ति का विसर्जन करने के लिए जल को किसी पात्र में भर लिया जाता है। लेकिन, अक्सर इस विसर्जन जल को बिना सोच-विचार के इधर-उधर फेंक दिया जाता है, जिससे अनजाने में दोष लगने की संभावना बढ़ जाती है।

यह समय है जब हम अपने रीति-रिवाजों को समझदारी से निभाएं और गणेश जी की पूजा-अर्चना के साथ ही विसर्जन जल का सही उपयोग करें। ऐसे में आइए जानते हैं घर पर गणेश विसर्जन के बाद किस पौधे में जल डालना चाहिए।

गणेश विसर्जन के बाद किस पौधे में पूजा का जल डालना चाहिए :

जल को आक या तुलसी पौधे में डालें

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, घर में गणेश विसर्जन के जल को आक के पौधे या तुलसी के पौधे में डालना शुभ होता है। कहा जाता है कि, आक के पौधे में गणेश जी का वाश माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने पर सुख-समृद्धि सदा बनी रहती है।

जली हुई बाती को बहते जल में प्रवाहित करें

कहते है गणेश जी के विसर्जन के बाद पूजा में जली हुई बाती को कूड़ेदान में फेंकने के बजाय इसे या तो किसी पवित्र बहते जल में प्रवाहित करें या तुलसी के पौधे के पास की मिट्टी में दबा देना चाहिए। ऐसा करने से पूजा की पवित्रता बनी रहती है और दोष लगने से बचा जा सकता है।

नारियल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें

गणेश विसर्जन के बाद कलश के नारियल को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं, नदी या बहते पानी में विसर्जित कर सकते हैं। या फिर फिर किसी वृक्ष की जड़ में दबा सकते हैं।

जानिए क्या हैं गणेश विसर्जन के शुभ मुहूर्त

इस वर्ष गणेश विसर्जन के लिए कुछ खास शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं:

सुबह 7:36 से 9:10 बजे तक
दोपहर 12:19 से शाम 5:02 बजे तक
शाम 6:37 से रात 8:02 बजे तक

ये भी पढ़ें-इस साल शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी का क्या है विशेष संयोग, जानिए किस दिन है महाअष्टमी

इन समयों में गणपति विसर्जन करने से अनंत चतुर्दशी का पर्व और भी पवित्र और शुभ माना जाता है। इन मुहूर्तों का पालन करने से पूजा-अर्चना में अधिक सकारात्मक प्रभाव होता है और घर पर गणेश जी की कृपा बनी रहती है।

 

In which plant should the puja water be poured after ganesh visarjan

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Published On: Sep 05, 2025 | 10:46 PM

Topics:  

  • Ganesh Utsav
  • Lord Ganesha
  • Religion

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