क्यों दशहरे पर नीलकंठ का दिखना शुभ होता है (सौ.सोशल मीडिया)
Significance Of Seeing Neelkanth Bird: आज 2 अक्टूबर, गुरुवार के दिन देशभर में विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा जो हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। जैसे नीलकंठ पक्षी का देखना।
कहा जाता है कि, दशहरा पर अगर नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाएं तो इससे दरिद्रता दूर होती है और भाग्य चमक सकता है। ऐसे में बहुत लोग नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने के लिए आकाश में देखते रहते हैं। साथ ही, इस दिन शमी के पेड़ की पूजा का भी विधान है। ऐसे में आज दशहरा के पावन अवसर पर आइए जानते है इस दिन नीलकंठ देखना क्यों शुभ होता है और दर्शन के समय किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हर साल दशहरे का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। यह वह दिन है, जब भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी (Neelkanth on Dussehra) को देखने का बहुत ही खास महत्व माना गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रावण विजय से पहले भगवान राम को भी नीलकंठ के ही दर्शन हुए थे। ऐसे में दशहरे पर नीलकंठ देखने को परम्परा सदियों से चली आ रही है और इसे एक शुभ संकेत के रूप में देखा जाता है। इसलिए सनातन धर्म में दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना गया है।
लंकापति रावण का अंत करने के बाद श्रीराम पर ब्राह्माण हत्या का पाप लग गया था। ऐसे में भगवान राम ने लक्ष्मण के साथ मिलकर शिवजी की पूजा-अर्चना की और खुद को ब्राह्मण हत्या के पाप से मुक्त करवाया। उस समय भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रूप में धरती पर आए थे और सभी लोगों को अपने दर्शन दिए थे।
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मान्यता है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के केवल दर्शन हो जाना ही बहुत शुभ संकेत होता है। इससे व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है। साथ ही, नीलकंठ को शुभ और विजय का संकेत भी माना गया है। लेकिन इस पक्षी के दर्शन होना बहुत दुर्लभ है। ऐसे में अगर आपको नीलकंठ दशहरा पर दिख जाए तो इससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।