
(सौजन्य सोशल मीडिया)
अखंड सौभाग्य का प्रतीक ‘हरियाली तीज’ का पावन व्रत 7 अगस्त, बुधवार को रखा जाएगा। माता पार्वती और शिवजी को समर्पित यह पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही ख़ास महत्व रखता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबी आयु एवं अच्छी सेहत के लिए करती हैं। वहीं, कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इस व्रत पर पूजा के दौरान विशेष रूप से महिलाएं मां पार्वती को 16 श्रृंगार का सामान अर्पित करती हैं तथा स्वयं भी श्रृंगार करके पूजा-आराधना करती हैं। मान्यता है कि व्रती द्वारा श्रृंगार करके व्रत-पूजा करने से मां पार्वती प्रसन्न होती हैं और अखंड सौभाग्य का वरदान देती हैं। इस दिन महिलाएं खास तौर से श्रृंगार में हरे रंग का इस्तेमाल करती हैं। वे हरी साड़ी, हरी चूड़ियां आदि पहनती हैं। साथ ही 16 श्रृंगार भी करती हैं। यदि आप भी पहली बार इस व्रत को करने जा रही हैं तो इस दौरान पूजन सामग्री और पूजन विधि का खास ख्याल रखें।
इस व्रत में 16 शृंगार का खास महत्व है। ऐसे में सुहागिन महिलाएं सजधज कर इस दिन व्रत-पूजा करती हैं। लाल रंग को सुहाग का प्रतीक माना जाता है तथा हरा रंग इस व्रत में विशेष महत्व रखता है। ऐसे में इस खास दिन पर खूबसूरत दिखने के लिए आप हरे, लाल या मल्टीकलर की साड़ी या सूट पहनने के लिए चुन सकती हैं। अगर आप अविवाहित है तो भी हरे रंग का सूट या साड़ी पहन सकती हैं। यह शुभ माना जाता है।
जो महिलाएं पहली बार हरियाली तीज का व्रत करने जा रही हैं वे इस दिन निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना करें। अगर आप निर्जला व्रत नहीं कर सकते हैं तो फलाहार व्रत रखें। इस दिन चावल बिल्कुल भी नहीं खाएं।
इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। पूजा में मां को हरे रंग के वस्त्र और सोलह श्रृंगार का सामान जरूर अर्पण करें। पूजा में मां पार्वती को सिंदूर भी अर्पण जरूर करें इसका खास महत्व है। पूजा के बाद इस सिंदूर को माथे पर जरूर लगाएं। इससे मां पार्वती की विशेष कृपा मिलती है। व्रत के लिए हाथ-पैरों में मेहंदी भी जरूर लगाएं। 16 श्रृंगार में मेहंदी का बहुत महत्व है। हरियाली तीज के मौके पर मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है।
जो महिलाएं पहली बार हरियाली तीज का व्रत करने जा रही हैं वे इस दिन हरियाली तीज व्रत की कथा जरूर सुनें। इससे दांपत्य जीवन सुखी रहता है तथा परिवार में खुशी का माहौल बना रहता है।
हरियाली तीज के व्रत पर रात को चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान किया जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूजा पूरी मानी जाती है। इससे शुभफल की प्राप्ति होती है।






