जन्मदिन मनाते समय भूलकर भी ना करें ये गलतियां (सौ.सोशल मीडिया)
Birthday Rule: जन्मदिवस हर एक व्यक्ति के जीवन का विशेष दिन होता है। आखिर हो भी क्यों ना, क्योंकि इसी दिन करोड़ों योनियों के बाद आत्मा को मनुष्य रूप में धरती पर जन्म लेने का सौभाग्य एवं अवसर प्राप्त होता है।
आपको बता दें, जन्मदिन के मौके पर हर कोई खुश होता है और खासतौर पर बच्चों में जन्मदिन की अलग ही एक्साइटमेंट दिखाई देती है। ऐसे में पेरेंट्स भी बच्चों की खुशी के लिए उनका जन्मदिन बहुत धूमधाम के साथ मनाते हैं।
आजकल जन्मदिन के मौके पर सुबह पूजा-पाठ के बाद शाम को केक काटने का ट्रेंड भी खूब चल रहा है। लेकिन सनातन धर्म के अनुसार जन्मदिन मनाते समय भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए। आइए जानते है उन गलतियों के बारे में-
आमतौर लोग जन्मदिन के दिन लोग शाम के समय बच्चों के लिए पार्टी रखते हैं और केक काटकर धूमधाम से जन्मदिन सेलिब्रेट करते है। इस दौरान केक पर लगी मोमबत्ती बुझाना आम बात है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सनातन धर्म में जन्मदिन के दौरान की गई दो गलतियां बच्चों को संकट में डाल सकती हैं।
हिन्दू धर्म में अग्नि को पवित्र व पूजनीय माना गया है। अग्नि हमारे पंचतत्वों में से एक शक्तिशाली तत्व है जो कि प्रकाश, ऊर्जा और सफलता का प्रतीक मानी जाती है। पूजा—पाठ में दीपक जलाना शुभ माना गया है और कहते हैं कि इससे घर में पॉजिटिविटी आती है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भी दीपक जलाकर ही की जाती है।
आपको बता दें, हिंदू धर्म में अग्नि पूजनीय मानी गई है और जन्मदिन के मौके पर फूंक मारकर मोमबत्ती बुझाना अशुभ माना गया है। इससे अग्नि देवता का अपमान होता है। इसलिए जन्मदिन के दिन मोमबत्ती नहीं बुझानी चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शाम के समय यानि सूरज ढलने के बाद केक नहीं काटना चाहिए। क्येांकि इस समय पॉजिटिव एनर्जी कम होने लगती है और निगेटिव एनर्जी बढ़ जाती है। जन्मदिन के मौके पर केक काटने के लिए सुबह या दोपहर का समय शुभ होता है।
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आजकल जन्मदिन के दिन केक के बीच मोमाबत्ती रखकर जलाना एक ट्रेंड बन गया है। लेकिन हिंदू धर्म के अनुसार, मोमबत्ती केक के बीच रखने की बजाय उसे साइड में रखें और जलाकर उसे मंदिर में रख दें। या फिर ऐसे ही जलने दें, वह खुद ही बुझ जाएगी। केक काटने के बाद हाथ जोड़कर भगवान का स्मरण करें और धन्यवाद दें।